पेड न्यूज़ से प्रधानमंत्री तक हो गए परेशां

इधर सरकार मीडिया को लेकर कुछ ज्यादा ही सक्रिय हो गई है। एक तरफ संचार मंत्री कपिल सिब्बल गूगल से लेकर फेसबुक जैसे इंटरनेट माध्यम को लेकर भिड़े पड़े हैं, दूसरी तरफ प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने प्रिंट माध्यम में पेड न्यूज़ के बढ़ते सिलसिले पर चिंता जताई है। एक अन्य विकासक्रम में सरकार ने एनडीटीवी इंडिया से लंबे समय से जुड़े पत्रकार पंकज पचौरी को प्रधानमंत्री कार्यालय में सूचना सलाहकार नियुक्‍त कर दिया है। उनकी नियुक्ति तत्‍काल प्रभाव से लागू होगी।

गुरुवार को प्रधानमंत्री ने ट्रिब्यून अखबार के एक समारोह में कहा कि मीडिया के लोगों को ‘पेड न्‍यूज़’ जैसी विकृतियों के निवारण के लिए अत्‍यधिक आत्‍मनियंत्रण करना होगा। उन्हें सामूहिक रूप से सुनिश्चित करना चाहिए कि निष्‍पक्षता को बढ़ावा दिया जाए और सनसनीखेज बातों को नियंत्रित किया जाए।

उन्‍होंने कहा कि हम किसी भी कीमत पर किसी खबर को बेचने की इच्‍छा से खलबली भी देखते हैं। कभी-कभी पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग भी देखने को मिलती है। हाल ही में प्रकाश में आई पैसा देकर खबर छपवाने की प्रथा सही विचार वाले लोगों के लिए हृदयविदारक साबित हुई है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार का पक्‍का विश्‍वास है कि मीडिया हमारे लोकतंत्र का एक अनिवार्य स्‍तंभ है। हम विदेशी नियंत्रण से मीडिया की पूर्ण स्‍वतंत्रता में विश्‍वास करते हैं। यह सच है कि कभी-कभी गैर-जिम्‍मेदार पत्रकारिता से सामाजिक सौहार्द और सार्वजनिक व्‍यवस्‍था के लिए गंभीर परिणाम हो सकते हैं, लेकिन सेन्‍सरशिप उसका जवाब नहीं है।

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