मौकापरस्ती मजबूरी है इस बाजार में

ट्रेडर कल छूटते ही शॉर्ट हो गए थे क्योंकि निफ्टी 200 दिनों के मूविंग औसत (डीएमए), 5201.15 को पार करने में नाकाम रहा। कल ही साफ हो चला था कि आज बाजार का गलत रुख दिखाया जाएगा ताकि टेक्निकल एनालिसिस व चार्टों के भरोसे शॉर्ट हो गए ट्रेडरों व निवेशकों को कसा जा सके। हम यह अंदेशा भांपकर हम कल ही निफ्टी समेत जहां कहीं भी मुनाफा दिख रहा था, शॉर्ट कॉल्स से बाहर निकल गए और निफ्टी में 5165 व 5175 के स्तर पर दोबारा शॉर्ट हो गए। आज जैसे ही यह निफ्टी ने कल के उच्च स्तर 5190 को पार किया, हमने ट्रेड की दिशा पलट दी और लांग हो गए। फिर 5220 पर बाहर निकल गए।

हालांकि निफ्टी फ्यूचर्स आज 5230 पर बंद हुआ है। कैश बाजार में इसका बंद स्तर 5199.25 रहा। इस तरह यह 200 डीएमए को पार नहीं कर सका। इसलिए हमें कल सुबह ऑपरेटरों की हरकत पर नजर रखनी होगी। आज की सारी सक्रियता चार्ट पर तेजी की कॉल्स की देन थी क्योंकि आज महीने की क्लोजिंग थी। मैं पहले ही कह चुका हूं कि पहले कुछ सत्रों के आधार पर बाजार की दिशा का फैसला लगाना बेहद मुश्किल है क्योंकि यह पूरी तरह ऑपरेटरों के हाथ में है। वे अपने खेल व स्वार्थ के लिए डेरिवेटिव सौदों में कैश सेटलमेंट की व्यवस्था का इस्तेमाल करते हैं।

अगर बाजार कल 200 डीएमए को तोड़कर आगे बढ़ जाता है और अगले दो दिनों तक इसके ऊपर ही बंद होता है जो तभी संभव है जब बाजार के ऑपरेटर अभी तक केवल लांग रहे एफआईआई की बिकवाली को पचा लेते हैं और सफल होते हैं, तब लांग के पक्ष में स्पष्ट ब्रेक-आउट होगा और निफ्टी में पहला लक्ष्य 5400 का रहेगा। अगर ऐसा नहीं होता तो बाजार 5035 तक या 4910 तक भी गिर सकता है। इसलिए इस वक्त जोखिम और उपलब्धि का पलड़ा एकदम बराबरी पर है।

इस समय जिस तरह का बाजार चल रहा है, उसमें मौकों के हिसाब से रुख पलटना जरूरी हो गया है। हमें लांग व शॉर्ट दोनों ही सौदों में बेहद तेजी से घुसने व निकलने का कमाल दिखाना होगा। एक खेमा पकड़कर बैठ गए तो समझिए लाभ कमाने से चूक गए। फिलहाल हमारे सबसे खास चुनिंदा स्टॉक्स हैं – एडुकॉम्प सोल्यूशंस, सेसा गोवा व नैवेली लिग्नाइट। एडुकॉम्प आज 3.58 फीसदी, सेसा गोवा 6.80 फीसदी और नैवेली लिग्नाइट 3.58 फीसदी बढ़कर बंद हुआ है।

हम में से हर किसी को अपनी राय रखने का पूरा-पूरा हक है। लेकिन किसी को भी अपनी मनमर्जी के तथ्य फेंकने का हक कतई नहीं है।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं पड़ना चाहता। इसलिए अनाम है। वह अंदर की बातें आपके सामने रखता है। लेकिन उसमें बड़बोलापन हो सकता है। आपके निवेश फैसलों के लिए अर्थकाम किसी भी हाल में जिम्मेदार नहीं होगा। यह मूलत: सीएनआई रिसर्च का कॉलम है, जिसे हम यहां आपकी शिक्षा के लिए पेश कर रहे हैं)

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