सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ओएनजीसी के बाजार पूंजीकरण में गिरावट जारी है। कुछ समय पहले तक वह बाजार पूंजीकरण (शेयरों के मूल्य और कुल शेयरों की संख्या का गुणनफल) में केवल रिलायंस इंडस्ट्रीज से पीछे थी। लेकिन इसके बाद अन्य सरकारी कंपनी कोल इंडिया उससे आगे निकल गई। अब टाटा समूह की कंपनी टीसीएस का बाजार पूंजीकरण भी ओएनजीसी से ज्यादा हो गया है।
इस तरह बाजार पूंजीकरण के लिहाज से ओएनजीसी देश में ऊपर से चौथे नंबर पर आ गई है। पहले नंबर पर रिलायंस इंडस्ट्रीज, दूसरे नंबर पर कोल इंडिया, तीसरे नंबर पर टीसीएस और उसके बाद ओएनजीसी का नंबर है।
यह भी नोट करने की बात है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज का वर्तमान बाजार पूंजीकरण 3.10 लाख करोड़ रुपए है, जबकि कोल इंडिया का बाजार पूंजीकरण है 2.57 लाख करोड़ रुपए। इस तरह कोल इंडिया रिलायंस से केवल 17 फीसदी पीछे है। अगर रिलायंस के शेयर का गिरना और कोल इंडिया का बढ़ना जारी रहा तो जल्दी ही बाजार पूंजीकरण में कोल इंडिया देश की सबसे बड़ी कंपनी बन जाएगी।
ओएनजीसी में चोट की खास वजह है पेट्रोलियम सब्सिडी में अपस्ट्रीम कंपनियों (ओएनजीसी, ऑयल इंडिया व गेल इंडिया) की हिस्सेदारी को 33 फीसदी से बढ़ाकर 38 फीसदी कर दिया जाना। 17 मई को इस सब्सिडी बोझ की घोषणा हुई और उसके बाद ओएनजीसी के बाजार पूंजीकरण में 23,600 करोड़ रुपए की कमी आ चुकी है।