आज के दौर में धनलक्ष्मी सभी को चाहिए क्योंकि हर कोई न हर चीज पैदा कर सकता है, न हर सेवा जुटा सकता है। यहां तक कि तथाकथित संतों और बाबाओं ने भी धन की धुनी रमा रखी है। बाबा रामदेव ने देखते ही देखते 3000 करोड़ की नेटवर्थ बना ली है। लेकिन आबादी के हर तबके के पास लक्ष्मी लाने के अलग-अलग तरीके हैं। हर कोई कुछ न कुछ बनाता और बेचता है। भिखारी तक अपनी दयनीय स्थिति बेचकर दूसरों की कृपा या लक्ष्मी हासिल करता है। किसान खेतों में फसल उगाता है और उसे बेचकर लक्ष्मी लाता है। मजदूर के पास कुछ नहीं तो वह अपना श्रम बेचकर लक्ष्मी पाता है। कंपनियां माल व सेवाएं उपलब्ध कराकर तो राजनेता जनता को सपने बेचकर। व्यापारी थोक में खरीदने के बाद रिटेल में बेचकर। शेयर बाज़ार का ट्रेडर भी एक तरह का व्यापारी है। हर रिटेल ट्रेडर को यह बात बहुत गहराई से जज्ब कर लेनी चाहिए। वह अगर शेयरों को थोक के भाव खरीदकर रिटेल के भाव बेचेगा, तभी कमा सकता है। अन्यथा कितनी भी लक्ष्मी पूजा कर ले, हमेशा गंवाता ही रहेगा। वैसे, शेयर बाज़ार की ट्रेडिंग है ही ऐसा बिजनेस, जहां कुछ लोग गंवाते हैं, तभी कुछ लोग कमाते हैं। लेकिन इस ‘ज़ीरोसम गेम’ में हमें गंवाने नहीं, कमानेवाला बनना होगा। अब शुक्रवार का अभ्यास…
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