कई महीनों से बैंकों से उधार लेनेवाले बढ़ रहे हैं, जबकि बैंकों में डिपॉजिट कम गति से बढ़ रही है। क्रेडिटयेज़ रेटिंग की एक रिपोर्ट के मुताबिक 22 मार्च 2024 को खत्म पखवाड़े में बैंकों द्वारा दिए गए उधार 20.2% बढ़कर ₹164.3 लाख करोड़ हो गए, जबकि बैंकों की जमा 13.5% ही बढ़कर ₹204.8 लाख करोड़ पर पहुंच सकी। उसके बाद रिजर्व बैंक के सबसे ताज़ा आंकड़ों पर नज़र डालें तो 5 अप्रैल को खत्म पखवाड़े में बैंकों के उधार 19.9% बढ़कर ₹166.02 लाख करोड़ हो गए, जबकि बैंकों की जमा 13.2% बढ़कर ₹209.98 करोड़ रुपए ही हुई। जमा से ज्यादा रफ्तार से बैंकों के उधार इसलिए नहीं बढ़ रहे क्योंकि उद्योग-धंधे निवेश के लिए अधिक ऋण ले रहे हैं, बल्कि आम लोग अपनी रोजमर्रा की ज़रूरतों के लिए बैंकों से ज्यादा उधार ले रहे हैं। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने हाल ही एक बैठक में बैंकों को आगाह किया कि वे परसनल लोन में हो रही बेतहाशा वृद्धि पर नज़र रखें क्योंकि इसमें डिफॉल्ट होने पर उनके एनपीए बढ़ सकते हैं। लेकिन भाजपा को ₹60 करोड़ का चुनाावी बॉन्ड देनेवाले कोटक महिंद्रा बैंक के संस्थापक उदय कोटक कहते हैं कि इस पर चिंता की कोई बात नहीं क्योंकि भारत बचतकर्ताओं से निवेशकों का देश बनता जा रहा है। अब बुधवार की बुद्धि…
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