देश के 90% से ज्यादा लोगों की महीने की आमदनी ₹25,000 से कम है। समझना मुश्किल नहीं कि इसमें से कितने में वे घर-परिवार चलाते होंगे, कितना हारी-बीमारी जैसे आकस्मिक खर्च पर जाता होगा और इसके बाद वे कितना बचा पाते होंगे। डेटा बताता है कि अप्रैल 2020 से मार्च 2023 तक भारतीय घरों की कुल वित्तीय बचत ₹86.2 लाख करोड़ रही है। इसमें से ₹31.6 लाख करोड़ बैंक व अन्य संस्थाओ के एफडी, ₹49.5 लाख करोड़ बीमा प्रीमियम, पेंशन फंड, पीएफ व लघु बचत स्कीमों और केवल ₹5.1 लाख करोड़ म्यूचुअल फंड की स्कीमों व स्टॉक्स में लगे। कह सकते कि लोगों की वित्तीय बचत का करीब 6% हिस्सा ही म्यूचुअल फंड स्कीमों और स्टॉक्स में लग रहा है और बाकी 94% तो बैंकों, लघु बचतों, पीएफ व बीमा कंपनियों वगैरह को जा रहा है। लेकिन बैंकों व लघु बचतों को किनारे रख दें तो बीमा कंपनियों से लेकर पीएफ तक का धन भी शेयर बाज़ार में लगता है। एलआईसी बाजार की सबसे बड़ी संस्थागत निवेशक है। पूरी तस्वीर यह है कि शेयर बाज़ार में प्रत्यक्ष रूप से भले ही हमारी 6% बचत जा रही हो, लेकिन परोक्ष रूप से इसके ऊपर 57% यानी, हमारी कुल 63% बचत बाज़ार में लगती है। अब तथास्तु में आज की कंपनी…
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