निर्वात कभी स्थाई नहीं होता, न अंदर न बाहर। वो बस कुछ पलों के लिए होता है क्योंकि बनते ही उसे भरने का तेज क्रम शुरू हो जाता है। वायुमंडल में हवाओं का तूफान आ जाता है तो समुंदर में लहरों का भूचाल।
2010-11-22
निर्वात कभी स्थाई नहीं होता, न अंदर न बाहर। वो बस कुछ पलों के लिए होता है क्योंकि बनते ही उसे भरने का तेज क्रम शुरू हो जाता है। वायुमंडल में हवाओं का तूफान आ जाता है तो समुंदर में लहरों का भूचाल।
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आशा है कि ये अस्थाई निर्वात जल्द ही खुशनुमा हवाओं को जगह देगा ।
सामाजिक जीवन का निर्वात स्वतः ही भरता रहता है।