आम नियम नहीं, असर है खास का

बाज़ार गिरता है ज्यादा बिकवाली से और बढ़ता है ज्यादा खरीदारी से। आमतौर पर बिकवाली या खरीदारी का रुख देश-विदेश की ताज़ा आर्थिक स्थिति और भावी संभावना से तय होता है। बुधवार को जब आंकड़े आए कि देश में रिटेल मुद्रास्फीति जनवरी में उम्मीद से ज्यादा घटकर दो सालों के न्यूनतम स्तर पर आ गई तो माना गया कि बाज़ार बढ़ेगा। लेकिन वो गिर गया। आज थोक मुद्रास्फीति के आंकड़े आने हैं। देखिए, कैसा रहता है बाज़ार…

बाजार सुबह थोड़ी बढ़त लेकर खुला। लेकिन फिर गिरना शुरू हुआ तो गिरता ही गया। निफ्टी दिन के न्यूनतम स्तर 5991.10 से ठीक दस अंक ऊपर 6001.10 पर बंद हुआ। बीएसई सेंसेक्स में 1.25 फीसदी और निफ्टी में 1.36 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। आपको याद होगा, हमने कल बाज़ार खुलने से पहले ही गिरावट की प्रबल आशंका जताई थी, जबकि सुबह-सुबह सिंगापुर निफ्टी फ्यूचर्स ऊपर चल रहा था। असल में मन साफ रखो तो भावी का हल्का-सा आभास पहले ही हो जाता है।

लेकिन मन को किनारे रखकर सोचें कि इस गिरावट की वजह क्या रही? जाहिरा तौर पर खरीद से ज्यादा बिकवाली। मगर किसकी बिकवाली? विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने तो कल कैश सेगमेंट में शुद्ध रूप से 399.40 करोड़ रुपए की खरीद की है। एक दिन पहले बुधवार को उनकी शुद्ध खरीद इससे कम 211.99 करोड़ रुपए की थी। घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने कल शुद्ध रूप से 292.40 करोड़ रुपए के शेयर बेचे। बुधवार को उनकी शुद्ध बिकवाली इससे थोड़ी कम 261.96 करोड़ रुपए की थी।

एफआईआई और डीआईआई के आंकड़े मुख्य रूप बीएसई और एनएसई को मिलाकर हैं। एनएसई और बीएसई के कैश सेगमेंट का कुल टर्नओवर कल 10,888.68 करोड़ (एनएसई 9221.19 करोड़ + बीएसई 1667.49 करोड़) रुपए रहा है। इसमें एफआईआई व डीआईआई के सौदे कुल मिलाकर 698.8 करोड़ रुपए के थे। यानी, पूरे टर्नओवर का करीब 6.42 फीसदी। बाकी 93.58 फीसदी सौदे किसके थे? यही बात है जिस पर साफ दृष्टि होने से हम बाज़ार की गति को ज्यादा सटीकता से समझ सकते हैं। दिक्कत यह है कि न तो हमारे एक्सचेंज और न ही पूंजी बाज़ार की नियामक संस्था, सेबी इस पर साफ रोशनी डालती है। इसलिए हम अंधेरे में तीर मारने को अभिशप्त हैं। लेकिन हमें किसी भी सूरत में इस अंधेरे से एक न एक दिन निकलना होगा।

यही हाल डेरिवेटिव सेगमेंट का है। वहां एफआईआई के आंकड़े मिल जाते हैं। लेकिन बाकी आंकड़ों पर धुंधलका छाया रहता है। कल इस सेगमेंट में एफआईआई की शुद्ध खरीद 287.28 करोड़ रुपए की थी, जबकि इंडेक्स फ्यूचर्स में उन्होंने शुद्ध रूप से 198.78 करोड़ रुपए की बिकवाली की। जानकार मानते हैं कि बाज़ार अब और नीचे जा सकता है। ज्यादा आशंका इस बात की है कि कहीं निफ्टी हाल के न्यूनतम स्तर 5933 से भी नीचे न चला जाए। बाजार में गिरावट की मुख्य वजह विदेशी बाज़ारों में चल रही गिरावट को बताया जा रहा है।

बाहर का समाचार यह है कि कल यूरोप में गिरावट और अमेरिका में बढ़त दर्ज की गई। आज दोपहर तक ऑस्ट्रेलिया का बाज़ार 0.69 फीसदी ऊपर है। वही एशिया में चीन, कोरिया, जापान व हांगकांग में बढ़त का नजारा है। लेकिन सिंगापुर नीचे है। अपने बाजार से सीधा जुड़ा सिंगापुर निफ्टी फ्यूचर्स भारतीय समय सुबह 8 बजे 37.50 अंक (0.62 फीसदी) ऊपर चल रहा था। जाहिर है कि अपने शुरुआत बढ़त से होने की संभावना काफी ज्यादा है।

नज़र निफ्टी पर

पिछला बंद कल का उच्चतम कल का न्यूनतम कल का बंद समर्थन/बाधा
6084 6094.40 5991.10 6001.10 5980/6080

 

आइशर मोटर्स कल डिमांड जोन में पहुंचते ही नौ फीसदी से ज्यादा उछल गया। लेकिन हम उसे देखने से चूक गए। जिलेट इंडिया में ज्यादा संभावना इस बात की है कि वो 2010 के मौजूदा स्तर से उठकर कुछ दिनों में 2150 तक चला जाए। इप्का लैब्स में कशमकश की स्थिति है और यह ऊपर या नीचे किसी तरफ उछल सकता है। तिलकनगर इंडस्ट्रीज के 53.55 से 56 रुपए तक जाने की संभावना है। इन सलाहों को अपने अभ्यास के लिए इस्तेमाल करें।

जेएसडब्ल्यू स्टील एक डाउनट्रेडिंग स्टॉक है। कल इसका दस रुपए अंकित मूल्य का शेयर बीएसई में 816.70 रुपए और एनएसई में 815.10 रुपए पर बंद हुआ है। अगले पांच दिन में इसके और गिरकर 780 तक चले जाने की आशंका है। इसे 815 के मौजूदा भाव पर एफ एंड ओ में शॉर्ट किया जा सकता है। इसमें चार फीसदी से ज्यादा गिरावट एफ एंड ओ में कहीं ज्यादा रिटर्न दे सकती है। लॉट वगैरह की स्थिति खुद देख लें। शॉर्ट सौदा करते वक्त इसमें स्टॉप लॉस का स्तर 825 का है।

जेएसडब्ल्यू स्टील (बीएसई 500228, एनएसई JSWSTEEL)

कल का बंद एंट्री भाव स्टॉप लॉस 52 हफ्ते का उच्चतम/न्यूनतम भावी उम्मीद अपेक्षित रिटर्न
815.10 815 825 1046.20/462 780 रुपए 4.29%

(भाव एनएसई के)

स्थाई सलाह: कभी भी यहां बताई सलाह पर तुरंत ट्रेडिंग में न जुट जाएं। पहले बाज़ार खुलने के कुछ देर तक इंतज़ार करें। देखें कि रुझान/ट्रेंड क्या है। कभी-कभी ट्रेंड होता तो वही है, लेकिन थोड़ी देर बाद शुरू होता है। इसलिए उसे पकड़ने पर ध्यान रहे। यह भी ध्यान रखें कि शेयर बाज़ार में मौके एक बार नहीं, बार-बार मिलते हैं क्योंकि यहां भाव लहरों के रूप में चलते हैं। मौके भागे नहीं जा रहे हैं। अभी कोई मौका चूक गया तो बाद में दबोच लेंगे।

डिस्क्लेमर: शेयर बाजार के निवेश में सबसे ज्यादा रिस्क है। इसलिए निवेश का फैसला काफी सोच-विचार और रिसर्च के बाद ही करें। आपके निवेश के लिए हम किसी भी रूप में जिम्मेदार नहीं होंगे।

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