लगता है प्याज की बढ़ती कीमतों के राजनीतिक असर से सरकार परेशान हो गई है। इसिलए प्याज की आसमान छूती कीमतों को नीचे लाने के लिए वह खटाखट कदम उठा रही है। पहले निर्यात पर बंदिश लगाने के बाद सरकार ने अब प्याज आयात पर सीमा शुल्क समाप्त कर दिया है। पिछले कुछ दिनों में प्याज की कीमत 80 से 85 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गयी है। इसमें कमी लाने के इरादे से सरकार ने प्याज आयात को सुगम बनाने का कदम उठाया है।
सरकार प्याज निर्यात को पहले ही 15 जनवरी तक रोक चुकी है और अब आयात शुल्क को मौजूदा पांच फीसदी से घटाकर शून्य कर दिया गया है। वित्त सचिव अशोक चावला ने बुधवार को राजधानी दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, ‘‘प्याज पर सीमा शुल्क को शून्य कर दिया गया है।’’ खुदरा बाजार में प्याज की कीमत 70 से 85 रुपए प्रति किलो पहुंच जाने के बीच सरकार ने यह कदम उठाया है। महाराष्ट्र, गुजरात और कुछ दक्षिणी राज्यों में भारी बारिश के कारण प्याज की फसल को हुए नुकसान के कारण कीमत में तेजी आयी है। कुछ दिन पहले तक प्याज का दाम 35 रुपये से 40 रुपए प्रति किलो था।
प्याज के भाव में तीव्र वृद्धि के मद्देनजर सरकार ने घरेलू बाजार में उपलब्धता बढ़ाने के लिये 15 जनवरी 2011 तक इसके निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। हालांकि सरकार के मुताबिक कीमत में कमी आने में कम से कम तीन सप्ताह का वक्त लग सकता है। कृषि मंत्री शरद पवार ने मंगलवा को कहा था, ‘‘प्याज के दाम अगले दो-तीन सप्ताह तक ऊंचे बने रहेंगे और उसके बाद ही स्थिति सुधरने की संभावना है।’’ बढ़ती कीमत से चिंतित प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी कृषि उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय से प्याज के भाव पर अंकुश लगाने के उपाय करने को कहा है।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा सिंह द्वारा विभिन्न मंत्रालयों को लिखे गए पत्र का हवाला देते हुए आधिकारिक सूत्र ने बताया, ‘‘प्रधानमंत्री ने प्याज की बढ़ती कीमत पर लगाम लगाने के लिए संबंधित पक्षों से जरूरी कदम उठाने और कीमत को किफायती स्तर पर लाने को कहा है।’’