निटको कंपनी या ब्रांड के नाम से शायद आप परिचित होंगे। 1953 में बनी कंपनी है और टाइल्स व मार्बल का धंधा करती है। टाइल्स वह मुंबई के बाहर अलीबाग में बनाती है और इटली, स्पेन, चेकोस्लवाकिया व चीन जैसे देशों से आयातित मार्बल की प्रोसेंगिग मुंबई के भीतर कांजुर मार्ग में करती है। कंपनी ने 2009-10 में कुल मिलाकर 8.71 करोड़ रुपए का घाटा उठाया था। लेकिन मार्च 2010 की तिमाही में वह 2.50 करोड़ रुपए के शुद्ध लाभ में थी। कंपनी घाटे के दबाव से मुक्त हो रही है और उम्मीद है कि जून 2010 की तिमाही में पहले से स्थिति काफी बेहतर हो जाएगी।
कंपनी के शेयर बीएसई (कोड-532722) व एनएसई (कोड-NITCO) में लिस्टेड हैं। इसके दस रुपए अंकित मूल्य के शेयर का भाव अभी 61.40 रुपए चल रहा है। पिछले दो महीनों में यह लगभग 39 फीसदी बढ़ा है। 2 जून को इसका भाव बीएसई में 44.25 रुपए था। जानकारों का कहना है कि यह इसी रफ्तार से बढ़ता हुआ जल्दी ही 72 रुपए तक चला जाएगा। नोट करने की बात यह है कि कंपनी के शेयर की बुक वैल्यू 158.57 रुपए है यानी शेयर के बाजार भाव से लगभग ढाई गुनी।
कंपनी के साथ यकीकन कुछ पर्यावरण संबंधी मुद्दे जुड़े होंगे। इसलिए उसे कांजुर मार्ग की सुविधा शहर से बाहर ले जानी पड़ सकती है। लेकिन एक तो कंपनी का दावा है कि वह पर्यावरण का पूरा ख्याल रख रही है। दूसरे, कांजुर मार्ग की जगह की उसे कभी भी अच्छी-खासी कीमत मिल सकती है। गौर करने की बात यह है कि कंपनी का ब्रांड अपनी एक विशिष्ट पहचान रखता है। भवन निर्माण उद्योग के बढ़ने के साथ उसका धंधा बढ़ता ही जाएगा। कंपनी अपने 20 फीसदी टाइल्स दुनिया के 24 देशों को निर्यात करती है।
कंपनी की इक्विटी अभी 32.12 करोड़ रुपए है। इसमें प्रवर्तकों की हिस्सेदारी 48.43 फीसदी है। पिछले एक साल में प्रवर्तकों ने अपनी हिस्सेदारी 3.38 फीसदी बढाई है। जून 2009 में उनकी हिस्सेदारी 45.15 फीसदी थी। जानकार बताते हैं कि प्रवर्तकों द्वारा हिस्सेदारी बढ़ाने को स्टॉक की मजबूती का सकात्मक संकेत माना जाना चाहिए। कंपनी में एफआईआई की हिस्सेदारी 14.68 फीसदी और डीआईआई (घरेलू संस्थाओं) की हिस्सेदारी 6.75 फीसदी है। पिछली एक तिमाही में एफआईआई ने कंपनी के शेयर बेचे हैं, जबकि डीआईआई की हिस्सेदारी स्थिर रही है। इसके बावजूद शेयर का बढ़ना उसकी मूलभूत मजबूती का संकेतक है।
बाकी चर्चा यह है कि रिलायंस कैपिटल में धमाके का इंतजार है। अभी यह शेयर 790-795 रुपए पर चल रहा है। अगली मंजिल 835 रुपए की है। इस दौरान कभी भी वह अपनी बीमा कंपनी की 26 फीसदी इक्विटी हिस्सेदारी बेचने का एलान कर सकती है। इस खबर के बाहर आते ही यह शेयर कुलांचे मार सकता है।