फरवरी महीने में शेयर बाजार की गति को दिखानेवाला सूचकांक, निफ्टी 4 फीसदी बढ़ गया। लेकिन इस बढ़त से म्यूचुअल फंडों की आस्तियां (एयूएम) महज 2 फीसदी बढ़ी हैं। नोट करें कि यह म्यूचुअल फंड स्कीमों में आए निवेश का नहीं, बल्कि बाजार के बढ़ने से उनके निवेश में हुई बढ़त या मार्क टू मार्केट उपबल्धि को दर्शाता है। बाजार के बढ़ने की वजह फरवरी में एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशकों) की तरफ से शेयरों में किया गया 25,200 करोड़ रुपए का निवेश है। यह जनवरी में 11,100 करोड़ रुपए ही था।
म्यूचुअल फंडों के साझा मंच एम्फी के ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश में सक्रिय सभी म्यूचुअल फंडों के पास 29 फरवरी 2012 तक उपलब्ध कुल आस्तियां 6,75,238 करोड़ रुपए की थी। यह एक माह पहले से 16,100 करोड़ रुपए ज्यादा है। इसमें भी सबसे ज्यादा 6100 करोड़ रुपए या 3.5 फीसदी की बढ़त इक्विटी फंड स्कीमों में हुई है, जिनमें जमा धन अब 1.86 लाख करोड़ रुपए का हो चुका है।
रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने इस बाबत सारे आंकड़ों पर नजर डालते हुए बताया है कि फरवरी में लिक्विड फंडों या मनी मार्केट प्रपत्रों में निवेश करनेवाली स्कीमों में जमा धन 6.5 फीसदी या 6900 करोड़ रुपए बढ़कर 1.57 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया है। इक्विटी और लिक्विड फंड स्कीमों की बढ़त के चलते ही फरवरी में म्यूचुअल फंडों का एयूएम बढ़ा है। अन्यथा, आय या ऋण स्कीमों से फरवरी माह में निवेशकों ने 2500 करोड़ रुपए निकाले हैं। पिछले चार महीनों में ऐसी स्कीमों से 22,600 करोड़ रुपए निकाले जा चुके हैं।