तिमाही नतीजों का यह मौसम तो मानसून की तरह बीत जाएगा। किसी खास कंपनी से बाजार को किन नतीजों की अपेक्षा है, इसके पूरा होने या टूटने के हिसाब से वो प्रतिक्रिया दिखाएगा। इससे उस शेयर की सांस तेजी से ऊपर-नीचे हो सकती है और निवेशकों को उसे पाने का अच्छा मौका भी मिल सकता है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण है यह जानना कि शेयरों की दिशा क्या है, लक्ष्य क्या है?
नए नतीजों के साथ नए ईपीएस (प्रति शेयर लाभ) का पता चलेगा और हमें देखना होगा कि अब कितने पी/ई अनुपात पर कोई शेयर ट्रेड होगा। इसका कोई निरपेक्ष फॉर्मूला नहीं है और हर एनालिस्ट अपने अनुभव व आकलन के हिसाब से राय देगा। अगर खुदा न खास्ता यहां से नीचे बाजार गिर जाता है कि सभी एक लाइन का जवाब देंगे कि बाजार महंगा हो रखा था और इसलिए करेक्शन का आना लाजिमी था। अगर इसका उल्टा होता है यानी बाजार बढ़ जाता है तो लोगबाग कहेंगे कि सिस्टम में मौजूद अतिरिक्त तरलता बाजार को खींचकर चढ़ा रही है।
हम असल में एक बार फिर निर्णायक बिंदु पर खड़े हैं क्योंकि पहली तिमाही का विकास पूरे वित्त वर्ष 2010-11 के विकास और अपेक्षित ईपीएस का आगाज करेगा। हम यकीनन काफी अच्छी आर्थिक विकास दर हासिल करने जा रहे हैं। वित्त मंत्री ने प्रोत्साहन पैकेज को वापस लेने से इनकार कर दिया है क्योंकि वे और भी बेहतर विकास दर चाहते हैं। अन्य स्रोतों से धन जुटाने की उनकी योजना भी दुरुस्त चल रही है।
इसलिए हमें निवेश का फैसला ऊंची आर्थिक विकास दर और उससे पैदा होनेवाले अवसरों को ध्यान में रखते हुए करना पड़ेगा। संभल-संभलकर चलनेवाले निवेशकों को अगर लगता है कि बाजार अपनी संतृत्पि की अवस्था तक पहुंच चुका है तो वे सेंसेक्स से जुड़े व उससे प्रभावित होनेवाले उतार-चढ़ाव भरे स्टॉक्स से परहेज रख सकते हैं। फिर भी बहुत सारे शेयर हैं जो अपने हमजोलियों से काफी कम मूल्य पर चल रहे हैं और यह मौका केवल मिड कैप स्टॉक्स में उपलब्ध है।
आम निवेशकों के लिए यह सेगमेंट सबसे अच्छा अवसर दे रहा है, जबकि सटोरियों और एफआईआई के पास ज्यादा बीटा (ज्यादा वोलैटाइल या चंचल, उतार-चढ़ाव वाले) स्टॉक्स से भरे अपने पोर्टफोलियो को फेंटने के अलावा कोई चारा नहीं है। मेरी तो यही सलाह है कि हमें बी ग्रुप के ऐसे शेयरों पर ध्यान लगाना चाहिए जो मूलभूत रूप से मजबूत हैं और उन्हें कम से कम साल छह महीने के लिए खरीद कर रख लेना चाहिए। इस दौरान वे अगर गिरें तो उन्हें और खरीद कर अपनी लागत कम कर लेनी चाहिए।