सरकार ने जमकर ढोल बजाया कि भारत का डिफेंस निर्यात 2013-14 से 2022-23 तक के नौ सालों में 23 गुना बढ़कर 686 करोड़ रुपए से 15,918 रुपए तक पहुंच गया है। यह देश को आत्मनिर्भर बनाने की पहल की शानदार कामयाबी है। लेकिन तस्वीर का दूसरा पहलू यह है कि भारत का हथियार निर्यात इतना कम है कि वो दुनिया के शीर्ष 25 हथियार निर्यातक देशों तक में नहीं गिना जाता। अमेरिका, रूस, फ्रांस, चीन व जर्मनी विश्व के सबसे बड़े डिफेंस निर्यातक है। हां, भारत दुनिया में अब भी डिफेंस सामग्रियों का सबसे बड़ा आयातक ज़रूर है। स्वीडन के ग्लोबल सुरक्षा संस्थान, सिप्री की रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने 2018 से 2022 के दौरान दुनिया में बेची गई सैन्य सामग्रियों का 11% हिस्सा खरीदा। यही नहीं, वित्त वर्ष 2022-23 में भारत का रक्षा उत्पादन 28% घटकर 95,000 करोड़ रुपए से 68,000 करोड़ रुपए पर आ गया। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ ऐसा ही दावा पिछले दिनों भारत से मोबाइल फोन का निर्यात दोगुना हो जाने पर किया था। लेकिन 45,700 करोड़ रुपए के मोबाइल निर्यात में से 23,000 करोड़ रुपए का निर्यात एप्पल ने किया था। बाकी निर्यात भारत से चीन की 10-12 कंपनियों ने किया है। इनमें से कोई भी स्वदेशी नहीं। अब गुरुवार की दशा-दिशा…
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