ताकि न उड़े खिल्ली मौसम की भविष्णवाणी की

विशेषज्ञों का मानना है कि मौसम पूर्वानुमान में सटीकता लाने के लिए पूर्वानुमान प्रणाली में उत्तरोत्तर सुधार की आवश्यकता है ताकि लोगों में उस पर भरोसा कायम हो। उनको 23 मार्च को विश्व मौसम दिवस से ठीक एक दिन पहले यह बात की है।

दिल्ली विश्वविद्यालय के भूगोल संकाय के प्राध्यापक डॉ आर बी सिंह कहते हैं कि हमारा मौसम पूर्वानुमान पूरी तरह विश्वसनीय और भरोसेमंद नहीं है। उन्होंने कहा कि चाहे अल्पकालिक पूर्वानुमान हो या दीर्घकालीन पूर्वानुमान हो, लोगों का उस पर भरोसा कायम करने के लिए मौसम पूर्वानुमान में अधिकाधिक सटीकता की आवश्यकता है।

सिंह ने कहा कि हमारी पूर्वानुमान क्षमता में उत्तरोत्तर सुधार जरूरी है। उन्होंने कहा कि जहां रडार प्रणाली, व कंप्यूटर प्रौद्योगिकी की मदद से मौसम पुर्वानुमान मॉडल में सुधार की आवश्यकता है, वहीं पूर्वानुमान का सही समय पर लोगों तक पहुंचाना भी बहुत जरूरी है।

उन्होंने कहा कि विकसित देशों में सटीक पूर्वानुमान से प्राकृतिक आपदा के दौरान जानमाल की कम से कम क्षति होती है जबकि हमारे देश में ऐसा नहीं है। सिंह ने कहा कि जहां तक दिल्ली के मौसम की बात है तो पिछले वर्ष की तुलना में इस बार सर्दी में यहां अधिक बारिश हुई और मौसम में अधिक उतार चढ़ाव देखा गया।

हालांकि मौसम विभाग के महानिदेशक अजीत त्यागी का कहना है कि मौसम पूर्वानुमान में अधिक सटीकता आ रही है। उन्होंने कहा कि चाहे मानसून की भविष्यवाणी हो या चक्रवात या राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान बारिश का अनुमान, पिछले साल भर में मौसम पूर्वानुमान काफी सटीक रहा है।

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