किराने के बगल में किराने की दूसरी दुकान, ज्वैलर के बगल में कई ज्वैलर, हार्डवेयर व पेंट की एक नहीं, अनेक दुकानें। आसपास दवा की दुकानों की भरमार। आखिर इतनी सारी दुकानों को इतने सारे ग्राहक कहां से मिल जाते हैं कि सब का धंधा चौकस चलता रहता है? इस सवाल का ठोस जवाब भले ही न मिल पाए, लेकिन हकीकत यही है कि सभी दुकानदार मजे में धंधे के दम पर घर-परिवार चलाते हैं। यही शांति व धैर्य शेयरों की ट्रेडिंग से कमाने की इच्छा रखने वाले हर शख्स को धारण करना चाहिए। कोई हायतौबा और हडबोंग नहीं। पूरा समय यही करना है तो इंट्रा-डे ट्रेडिंग और पार्ट-टाइम करना है तो स्विंग से लेकर मोमेंटम व पोजिशनल ट्रेड। बाकी दूसरी नौकरी-चाकरी करते हुए अपनी अतिरिक्त बचत को म्यूचुअव फंड या सीधे स्टॉक्स में निवेश करते रहें ताकि उसे मुद्रास्फीति का घुन चट न कर जाए। अब मंगलवार की दृष्टि…
यह कॉलम सब्सक्राइब करनेवाले पाठकों के लिए है.
'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं।
इस कॉलम को पूरा पढ़ने के लिए आपको यह सेवा सब्सक्राइब करनी होगी। सब्सक्राइब करने से पहले शर्तें और प्लान व भुगतान के तरीके पढ़ लें। या, सीधे यहां जाइए।
अगर आप मौजूदा सब्सक्राइबर हैं तो यहां लॉगिन करें...