मार्क मोबियस उभरते बाज़ारों पर दांव लगानेवाले नामी-गिरामी फंड मैनेजर हैं। उनकी उम्र 87 साल को पार कर चुकी है। वे लगभग 30 करोड़ डॉलर का निवेश संभालते हैं। उनका निवेश भारत, कोरिया, ताइवान, तुर्किए, दक्षिण अफ्रीका व ब्राज़ील तक फैला है। लेकिन सबसे ज्यादा निवेश उन्होंने भारत में कर रखा है तो जाहिरा तौर पर यहां के शेयर बाज़ार में जितनी तेज़ी होगी, मोबियस को उतना ही ज्यादा फायदा होगा। मोबियस कहते हैं कि वे भारत को इसलिए ज्यादा तरजीह देते हैं क्योंकि यहां लोकतंत्र है। वैश्विक ब्रोकरेज़ फर्म नोमुरा ने भी भारतीय शेयर बाज़ार के प्रति निवेश नज़रिया अपग्रेड करके न्यूट्रल से ओवरवेट कर दिया है। उसका कहना है कि भारत के मूलभूत आर्थिक कारक बड़े मजबूत हैं और उसे विकसित देशों की ‘चाइना प्लस वन’ नीति का भरपूर फायदा मिलेगा। भारत को देख इसलिए विदेशी फंड मैनेजरों और ब्रोकरेज़ हाउसों की लार टपक रही है क्योंकि यहां जो भौकाल खड़ा किया गया है, उसके मिटने के आसार नहीं दिखते। उन्हें लगता है कि यहां से जमकर धन बनाया जा सकता है। अब बुधवार की बुद्धि…
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