देश के आर्थिक विकास को असली खतरा उस राजनीति से है जो नारा लगाकर विकास का धंधा और झूठ बोलकर जन आकांक्षाओं की निर्मम हत्या कर रही है। चार दिन पहले भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट (X) किया कि भारत ने 2015 से 2025 के बीच जीडीपी को 2.1 ट्रिलियन डॉलर से 4.3 ट्रिलियन डॉलर पर पहुंचा कर शानदार उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने आईएमएफ के नए डेटा को इसका आधार बताया। हकीकत यह है कि यह अनुमान आईएमएफ ने पांच महीने पहले अक्टूबर 2024 में जारी करते हुए कहा था कि दिसंबर 2025 तक भारत का जीडीपी वर्तमान मूल्यों पर मुद्रास्फीति सहित 4.27 ट्रिलियन डॉलर हो सकता है। लेकिन मालवीय ने 4.3 ट्रिलियन को मुद्रास्फीति को घटाने के बाद का असली जीडीपी बताया है। दूसरे, उन्होंने परोक्ष रूप से दिखलाया कि ऐसा होना नहीं, बल्कि हो चुका है। वहीं, उनकी अपनी ही सरकार की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बार के बजट में कहा था कि मार्च 2025 तक हमारा जीडीपी ₹324.11 लाख करोड़ और मार्च 2026 तक ₹356.98 लाख करोड़ हो सकता है। ये डेटा 85.71 रुपए की प्रति डॉलर की विनिमय दर पर क्रमशः 3.78 ट्रिलियन डॉलर और 4.16 ट्रिलियन डॉलर निकलता है। आखिर 145 करोड़ भारतीयों में से कोई अमित मालवीय का कॉलर खींचकर पूछता क्यों नहीं कि अबे! इतना झूठ क्यों बोलता है? अब बुधवार की बुद्धि…
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