कृषि में इस्तेमाल होनेवाले कीटनाशक एंडोसल्फान पर प्रतिबंध लगाने की मांग पर वाम दल और बीजेपी एक साथ आ गए हैं। मंगलवार को वाम दलों के सांसदों के एक समूह ने इस मांग को लेकर संसद भवन में विरोध प्रदर्शन किया। वहीं बीजेपी की प्रवक्ता निर्मला सीतारमन ने कहा कि एंडोसल्फान इतना हानिकारक कीटनाशक है कि इसे अधिकांश देश प्रतिबंधित कर चुके हैं। ऐसे में इसे प्रतिबंधित न करके सरकार जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ होने दे रही है।
सीपीएम के पोलित ब्यूरो सदस्य सीताराम येचुरी ने कहा, ‘‘हम कीटनाशक पर राष्ट्रव्यापी प्रतिबंध की मांग करते हैं। हम हैरान हैं कि इस पर कोई प्रतिबंध नहीं है या यह किसी घोटाले का संकेत तो नहीं है। वे कहते हैं कि हम मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहे हैं। लेकिन ऐसा नहीं है। हम केवल एक मानवीय मुद्दा उठा रहे हैं।’’
बता दें कि देश भर में इस कीटनाशक पर प्रतिबंध लगाने की मांग हो रही है और केरल के मुख्यमंत्री वी एस अच्युतानंदन इस आंदोलन की अगुवाई कर रहे हैं। सोमवार को उन्होंने एक दिवसीय अनशन भी किया। वैसे, केरल में इसके इस्तेमाल पर पहले से ही प्रतिबंध है।
राज्यसभा सदस्य पी राजीव ने कहा, ‘‘हम स्टाकहोम कांफ्रेंस में केन्द्र सरकार द्वारा इस मसले पर अपनाए गए रवैये का विरोध कर रहे हैं। इस बैठक में कीटनाशक पर प्रतिबंध लगाने के सवाल पर ही चर्चा हुई है।’’ उधर जानेमाने विधिवेत्ता और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश वी आर कृष्ण अय्यर ने भी एंडोसल्फान पर पाबंदी लगाने के केरल सरकार के अनुरोध स्वीकार नहीं करने के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के रुख को ‘संवेदनशून्य उदासीनता’ बताया है।
न्यायमूर्ति अय्यर ने कहा, ‘‘मैं मानव जीवन के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक और हानिकारक एंडोसल्फान पर प्रतिबंध लगाने के लिए केरल सरकार के सभी मंत्रियों के सामूहिक अनुरोध पर प्रधानमंत्री की संवेदनशून्य उदासीनता को अस्वीकार करता हूं।’’ अय्यर ने कहा कि यह शर्मनाक और हैरत में डालने वाली बात है कि भारत एंडोसल्फान का सबसे बड़ा उपभोक्ता है जबकि यूरोपीय संघ, ऑस्ट्रेलिया व न्यूजीलैंड समेत 63 से ज्यादा देशों ने अपने यहां इस कीटनाशक पर पाबंदी लगा रखी है।