जी-20 का शिखर सम्मेलन नजदीक आने के साथ ही शब्दों का खोखलापन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सिर पर चढ़कर बोलने लगा है। एक तरफ वे जीडीपी के दम पर कहते नहीं थकते कि भारत एक दशक से भी कम समय में दसवीं से छलाग लगाकर दुनिया की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया। दूसरी तरफ उनका बयान है कि दुनिया का जीडीपी केंद्रित दृष्टिकोण अब मानव-केंद्रित में बदल रहा है। अगर ऐसा है तो वे एक बार भी क्यों नहीं बताते कि प्रति व्यक्ति आय के मामले में भारत इस समय 2256.59 डॉलर के साथ दुनिया के 190 देशों की सूची में 146वें स्थान पर है। जी-20 देशों में सबसे कम प्रति व्यक्ति आय भारत की है। पिछले साल जी-20 के अध्यक्ष रहे इंडोनेशिया तक की प्रति व्यक्ति आय 4798.22 डॉलर के साथ भारत की तुलना में दोगुनी से ज्यादा है। दुनिया के सबसे ज्यादा 23 करोड़ गरीब भारत में हैं। वैश्विक भुखमरी सूचकांक में भारत 123 देशों की रैकिंग में 107वें स्थान पर है। हमारी 67.4% आबादी प्रदूषित हवा में सांस लेने को मजबूर है। बमुश्किल 35% पुरुष आबादी और 18% महिला आबादी माध्यमिक शिक्षा तक पहुंच रही है। अब बुधवार की बुद्धि…
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