केएस ऑयल्स (बीएसई – 526209, एनएसई – KSOILS) में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है कि उसका शेयर 52 हफ्ते के न्यूनतम स्तर पर पहुंच जाए। लेकिन कल वह 37.80 रुपए की तलहटी पर पहुंचा है तो कुछ तो वजह रही होगी? अपने-आप तो ऐसा नहीं हो सकता? उसमें वोल्यूम भी अच्छा-खासा हुआ है। बीएसई में जहां दो हफ्ते का औसत रोजाना कारोबार 12.64 लाख शेयरों का रहा है, वहीं कल इसके 20.85 लाख शेयरों में सौदे हुए जिसमें से 29.11 फीसदी ही डिलीवरी के लिए थे। इसी तरह एनएसई में हुए 59.89 लाख शेयरों के कारोबार में से 33.84 फीसदी ही डिलीवरी के लिए थे। जाहिर है कंपनी की मूलभूत ताकत से अलग डे-ट्रेडरों की ताकत इस शेयर को पटक रही है। और, डे-ट्रेडर तो शिव के गणों की तरह होते हैं। वे खुद नहीं, किसी के कहने पर ही खेल करते हैं।
दूरगामी निवेश का नजरिया रखनेवालों को इस खेल पर नजर तो रखनी चाहिए, लेकिन परेशान नहीं होना चाहिए, बल्कि उनके बनाए मौके का इस्तेमाल करना चाहिए। केएस ऑयल्स कल तलहटी छूने के बाद बीएसई में 4.74 फीसदी की गिरावट के साथ 40.15 रुपए पर बंद हुआ। इस भाव पर इसका पी/ई अनुपात 7.24 है क्योंकि इसका ठीक पिछले बारह महीनों का ईपीएस (प्रति शेयर लाभ) 5.54 रुपए है। शेयर की बुक वैल्यू 36.24 रुपए है। 25 साल पुरानी कंपनी है। बराबर लाभांश देती रही है। शेयर पिछले 52 हफ्ते में 77 रुपए (18 जनवरी 2010) तक जा चुका है। अभी काफी सस्ते में मिल रहा है। कल गिरा था। हो सकता है आज और भी गिर जाए। लेकिन जो कम से कम दो-तीन साल की सोचकर चलते हैं, उन्हें इसे अपने पोर्टफोलियो में शामिल कर ही देना चाहिए।
केएस ऑयल्स मध्य प्रदेश में मोरैना की कंपनी है। खाद्य तेलों की छोटी से रिफाइनरी से शुरू करके अब इस क्षेत्र की बहुराष्ट्रीय कंपनी बनने की दिशा में बढ़ रही है। दो साल पहले 2008 में उसने इंडोनेशिया में 50,000 एकड़ का पाम प्लांटेशन खरीदा है। उसी साल उसने 2000 करोड़ से ज्यादा की बिक्री का आंकड़ा पार किया। बीते वित्त वर्ष 2009-10 में कंपनी ने 4079.71 करोड़ रुपए की बिक्री पर 190.26 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया है। अभी सितंबर 2010 की तिमाही में उसकी बिक्री 1041.83 करोड़ और शुद्ध लाभ 51.11 करोड़ रुपए रहा है। तीन महीने में एक हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की बिक्री मायने रखती है। कंपनी अपने रिटेल आउटलेट भी खोल चुकी है। उसने 28 विंडमिल भी लगा रखी हैं जिनसे उसे 24 मेगावॉट बिजली मिलती है।
कंपनी के चेयरमैन रमेश चंद गर्ग हैं जो जमीन से जुड़े हुए अनुभवी उद्यमी हैं। कंपनी की इक्विटी 40.90 करोड़ रुपए है जो एक रुपए अंकित मूल्य के शेयरों में विभाजित है। इसका 36.32 फीसदी हिस्सा प्रवर्तकों के पास, 17.07 फीसदी एफआईआई और 2.47 फीसदी डीआईआई (घरेलू निवेशक संस्थाओं) के पास है। कंपनी के कुल शेयरधारकों की संख्या 50,578 है। इसमें से 11 निवेशक ऐसे हैं जिनके पास उसकी 29.02 फीसदी इक्विटी है। इने बड़े निवेशकों में मॉगरन स्टैनले (3.24 फीसदी), क्रेडिट सुइस (1.44 फीसदी), गोल्डमैन सैक्स (1.28 फीसदी), डॉयचे सिक्यूरिटीज (3.19 फीसदी) और एनएसआर डायरेक्ट पीई (9.86 फीसदी) शामिल हैं।