हालांकि बाजार निफ्टी के 5400 के स्तर के आसपास कायदे से डटा हुआ है। लेकिन मुझे लगता है कि 5400 के ऊपर जाने से पहले यह 5300 तक नीचे आता तो इसे ज्यादा पुख्ता व स्वस्थ आधार मिल जाता। वैसे, 5200 और 5300 पर पुट (बेचने) ऑप्शन सौदों के वोल्यूम और ओपन इंटरेस्ट की मौजूदा स्थिति दिखाती है कि रोलओवर शुरू होने से पहले बाजार में थोड़ा करेक्शन आएगा।
मारुति सुजुकी का स्टॉक बाजार को चौंका सकता है क्योंकि यह हमेशा निफ्टी से उल्टा चलता है। इसे हमेशा सूचकांक प्रबंधन में रखा जाता है और इमें विपरीत खरीद चल निकलती है। रीयल्टी क्षेत्र में एचडीआईएल और डीएलएफ मेरे सबसे ज्यादा पसंदीदा स्टॉक रहे हैं। हालांकि पिछली एक तिमाही में उनमें अच्छा-खासा करेक्शन आया है। अपने इन्होंने चाल पकड़ ली है और इनमें नई ऊंचाई छूने का पर्याप्त दमखम है। आईएफसीआई में अब चर्चा-ए-आम हो गई है और बाजार का अदना सा शख्स भी जानता है कि इस स्टॉक में क्या चल रहा है। हालांकि वेदांता समूह के प्रमुख अनिल अग्रवाल ने एक बिजनेस चैनल पर दिए गए इंटरव्यू में कहा कि फिलहाल आईएफसीआई के बारे में उनकी कोई सोच नहीं है।
डेक्कन क्रोनिकल होल्डिंग्स ने अपनी आईपीएल टीम डेक्कन चार्जर्स को बेचने की किसी कोशिश से इनकार किया है। लेकिन मीडिया के पास सच पता लगाने के अपने तौर-तरीके होते हैं। फाइनेंशियल एक्सप्रेस (एफई) ने आज खबर छापी है कि हैदराबाद की टीम डेक्कन चार्जर्स 28 से 30 करोड़ डॉलर में बिकने जा रही है। यह लगभग वही कीमत है जिसे सीएनआई ने अपने सूत्रों से पता किया है। इससे दरअसल इंडिया सीमेंट्स को अपना छिपा हुआ मूल्य सामने लाने में मदद मिलेगी। और, मुझे आश्चर्य नहीं होगा जो किसी दिन सल्लू भाई ट्विटर पर न लिख दें कि उन्हें एमएस धोनी (चेन्नई सुपर किंग्स जिसकी मालिक इंडिया सीमेट है) में दिलचस्पी है।
हमने गल्फ ऑयल में अपनी कॉल रोक दी है क्योंकि ऑपरेटरों की आम आदत है कि वे राइट्स इश्यू के पहले भाव दबाकर रखते हैं ताकि उन्हें सब्सक्राइब करने का मौका मिल जाए। मुझे इस पर भी कोई अचंभा नहीं होगा जो गल्फ ऑयल के पहली तिमाही के नतीजे कमजोर रहें और शेयर में आगे गिरावट दर्ज की जाए। छोटी अवधि के निवेशकों को इस शेयर के गिरकर 95 से 100 रुपए पर आने का इंतजार करना चाहिए और तभी इसमें खरीद करनी चाहिए। आप यह भी कर सकते हैं कि जब राइट्स इश्यू के बाद इसका बाजार मूल्य समायोजित हो जाए, तब इसमें नए सिरे से प्रवेश करें। यह भी बता दें कि जो भी राइट्स इश्यू में आवेदन करता है, वैसे हर करदाता की जांच करने का खास तरीका आयकर विभाग ने बना रखा है।
इस बीच हमने एक और ब्लॉकबस्टर ढूंढ निकाला है और वो है इंडियन ह्यूम पाइप। इस स्टॉक पर बस नजर गड़ाए रखिए। आपको भरोसा हो तभी आप इसमें खरीद करें क्योंकि मैं यहां ज्यादा ब्योरा नहीं दे सकता हूं। लेकिन इतना पक्का समझिए कि इस स्टॉक में बहुत कुछ सामने आनेवाला है। पहले हम इस स्टॉक में 500 रुपए के स्तर पर खरीद की सलाह दे चुके हैं और अब यह 797.75 रुपए पर है। इस स्टॉक ने हमेशा अच्छा फल दिया है। यह कंपनी एचसीसी समूह के अजित गुलाबचंद से ताल्लुक रखती है।
आरडीबी का स्टॉक अब मजबूत हाथों में ज्यादा दिख रहा है क्योंकि इस पर ऑपरेटरों की पकड़ खत्म हो गई लगती है। इसके 2.92 फीसदी शेयर पहले से एफआईआई के पास हैं और ज्यादा लंबी सोच वाले निवेशक एफएमसीजी सेक्टर को पसंद करते हैं खासकर इस (सिगरेट) क्षेत्र को क्योंकि इसमें निवेश के मौके बेहद सीमित हैं।
काश! हमे पता चल जाता कि दूसरे हमारे बारे में कितना कम सोचते हैं तो शायद हम अपने बारे में उनकी राय को लेकर फिक्रमंद होना छोड़ देते।
(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)