शुक्रवार, 28 मई को बाजार बंद होने के बाद हमने कर्नाटक बैंक के बारे में लिखा था कि कैसे वह अधिग्रहण के लिए बहुत सस्ता लक्ष्य हो सकता है। तब उसका बंद भाव बीएसई में 150.75 रुपए था। कर्नाटक बैंक के बारे में ऐसी कोई सूचना या कयास किसी भी मीडिया में मैंने नहीं देखा। लेकिन सोमवार को यह शेयर बीएसई में 13.17 फीसदी बढ़कर 170.60 पर बंद हुआ। ऊपर में तो यह करीब 16.5 फीसदी बढ़कर 175.40 रुपए पर चला गया था जो 52 हफ्ते का इसका नया उच्चतम स्तर है। यह खुला था 152 रुपए पर।
एक आदर्श की स्थिति की कल्पना करें कि जिसने इसे बाजार खुलते ही खरीद लिया होगा और उच्चतम स्तर पर बेच दिया होगा, उसने एक दिन में ही 15 फीसदी से ज्यादा का फायदा उठा लिया होता। खैर, यह ट्रेडरों की मानसिकता है जिसमें निवेशकों को बचना चाहिए। लेकिन इस सूचना से मैं यह दिखाना चाहता था कि कैसे छोटी-छोटी सूचनाएं भी किसी शेयर पर बड़ा असर डालती हैं। वैसे, कर्नाटक बैंक में शायद आज भी बढ़त जारी रहे। इसके 185 रुपए तक जाने का आकलन है। लेकिन अगर हमें इसे खरीदना चाहिए तो उस दिन के लिए जब कभी इसके अधिग्रहण का सौदा हो रहा होगा क्योंकि तभी हमें इससे अधिकतम लाभ मिल सकता है।