आज नहीं आशा कल की, निवेशक मस्त

भारतीय अर्थव्यवस्था की मौजूदा हालत यकीनन अच्छी नहीं है। लेकिन चूंकि उसके बढ़ने की रफ्तार चीन से ज्यादा है और अंतर्निहित संभावना काफी ज्यादा हैं तो विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक इस साल मार्च से लेकर अब तक शेयर बाज़ार में बराबर निवेश बढ़ाते जा रहे हैं। उन्होंने 25 मई तक इसमें 54,372 करोड़ रुपए डाले हैं। देश के आम निवेशक भी बाज़ार में सीधे तो नहीं, लेकिन म्यूचुअल फंडों की इक्विटी स्कीमों में भरपूर बचत लगा रहे हैं। एक तो उन्होंने एसआईपी (सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) की आदत डाल ली है। साथ ही इक्विटी स्कीमों में अलग से भी धन लगा रहे हैं। उन्हें झाड़ पर चढ़ाया भी जा रहा है कि अगले साल हमारा जीडीपी 8% से ज्यादा बढ़ सकता है तो शेयर बाज़ार जमकर बढ़ेगा। हालांकि अप्रैल में एसआईपी से आनेवाले कुल निवेश घटा है। लेकिन इस दौरान 6.34 लाख नए एसआईपी खाते भी खुले हैं। इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीमों में फरवरी 2021 के बाद से लगातार 26 महीनों से शुद्ध निवेश बढ़ा है। अब शुक्रवार का अभ्यास…

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