सुप्रीम पेट्रोकेम में निवेश है काम का

सुप्रीम पेट्रोकेम देश में पॉलिस्टिरीन के धंधे की सबसे बड़ी कंपनी है। घरेलू बाज़ार में उसकी हिस्सेदारी आधे से ज्यादा है। वो पॉलिस्टिरीन की सबसे बड़ी निर्यातक भी है। दुनिया में 80 से ज्यादा देशों को निर्यात करती है। दिसंबर 2012 की तिमाही में उसका धंधा साल भर पहले की अपेक्षा 35.69 फीसदी बढ़कर 1415.49 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। इस पर उसका शुद्ध लाभ 33.47 करोड़ रुपए का है जो साल भर पहले से 289.18 फीसदी ज्यादा है। इसके बाद उसका शेयर 29 जनवरी को 71.50 रुपए पर पहुंच गया। लेकिन अब गिरते-गिरते 56 रुपए के आसपास आ गया है। शुक्रवार, 22 मार्च को बीएसई में 56.85 रुपए और एनएसई में 57.20 रुपए पर बंद हुआ है। थोड़ा और गिरकर यह 50-52 रुपए तक आ जाए तो इसे तीन साल के लिए खरीद लें। इस दौरान यह आराम से 80 रुपए पर पहुंच सकता है। ऐसा होने पर आपका धन डेढ़ गुना से ज्यादा हो जाएगा।

कंपनी के बारे में आप और तहकीकात कर सकते हैं। अपनी तरफ से बता दूं कि कंपनी का ऋण-इक्विटी अभी 0.48 है। ब्रोकरेज फर्म एडेलवाइस के डाटाबैंक के अनुसार उसके ऊपर कुल 126.10 करोड़ रुपए का ऋण है, जबकि उसकी नेटवर्थ (इक्विटी + रिजर्व) 308.30 करोड़ रुपए का है। कंपनी का रिटर्न ऑन इक्विटी (आरओई) 35 फीसदी के आकर्षक स्तर पर है। उसने पिछले तीन सालों में दस रुपए के शेयर पर क्रमशः 1.80 रुपए, 2.80 रुपए और 1.40 रुपए का डिविडेंड या लाभांश दिया है। कंपनी में प्रवर्तकों की इक्विटी हिस्सेदारी 60.63 फीसदी है। ऐसे में लगता है कि इसमें निवेश लाभदायी और सुरक्षित है। बाकी हर चीज़ को ठोंक-बजाकर लेने की आदत को शेयर बाज़ार में अपनाना जरूरी होता है।

सुप्रीम पेट्रोकेम (बीएसई 500405, एनएसई – SUPPETRO)

शुक्र का बंद भाव 52 हफ्ते का उच्चतम 52 हफ्ते का न्यूनतम भावी उम्मीद तीन साल का अपेक्षित रिटर्न
56.85 रुपए 71.50 रुपए 36 रुपए 80 रुपए +40.72%

(भाव बीएसई के)

पूरे बाज़ार की बात करें तो वो पिछले शुक्रवार से लेकर इस शुक्रवार तक बराबर गिरता ही रहा। फिलहाल बीएसई सेंसेक्स चार महीनों के सबसे निचले पायदान पर है। राजनीतिक उहापोह और साइप्रस से लेकर यूरो जोन का संकट बड़े निवेशकों को परेशान किए हुए है। वे फिलहाल थोड़ा बेचकर सुरक्षित हो लेना चाहते हैं। लेकिन अंदर के लोग बताते हैं कि सारा कुछ असल में दम मारने की कसरत है। अगले हफ्ते मार्च के डेरिवेटिव सौदों का सेटलमेंट होना है। सारी कसरत इसलिए है ताकि उस दौरान बाज़ार के ऑपरेटर जमकर मुनाफा बटोर सकें। वैसे शुक्रवार को आलम बिकवाली का ही रहा। एफआईआई की शुद्ध बिक्री 14.2 करोड़ रुपए और डीआईआई की शुद्ध बिक्री 135.57 करोड़ रुपए की रही।

निफ्टी की गति

पिछला बंद शुक्र का उच्चतम शुक्र का न्यूनतम शुक्र का बंद समर्थन/बाधा
5658.75 5691.45 5631.80 5651.35 5620/5710

डिस्क्लेमर: शेयर बाजार के निवेश में सबसे ज्यादा रिस्क है। इसलिए निवेश का फैसला काफी सोच-विचार और रिसर्च के बाद ही करें। आपके निवेश के लिए हम किसी भी रूप में जिम्मेदार नहीं होंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *