पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी ने शेयर बाजार में 15 मिनट का प्री-ओपन सत्र शुरू करने का फैसला किया है। यह प्री-ओपन सत्र 9 बजे से 9.15 बजे तक होगा। इसे अभी बीएसई और एनएसई में प्रायोगिक स्तर पर सेंसेक्स और निफ्टी में शामिल शेयरों से किया जाएगा। वैसे, इसमें कुल 50 कंपनियों के ही शेयर हैं क्योंकि सेंसेक्स के 30 शेयर निफ्टी के 50 शेयरों के सेट के सब-सेट ही हैं।
सेबी ने प्री-ओपन सत्र में कॉल ऑक्शन शुरू करने का सर्कुलर गुरुवार को बीएसई व एनएसई के शीर्ष अधिकारियों को भेजा है। इसमें कहा गया है कि वे नई जरूरतों के हिसाब से अपने सॉफ्टवेयर व जोखिम प्रबंधन के इंतजाम कर लें। बाकायदा इस फैसले को लागू करने संबंधी दिशानिर्देश जारी कर दें और सारी तैयारी हो जाने के बाद सेबी को इत्तला करें।
सेबी ने अपनी तरफ से प्री-ओपन सत्र में कॉल ऑक्शन का पूरा खाका तैयार कर लिया है। 15 मिनट में से शुरुआती 8 मिनट ऑर्डर एंट्री, सुधारने व कैंसल करने के होंगे, जिसमें से आखिरी एक मिनट के दौरान यह सत्र कभी भी खत्म हो सकता है। चार मिनट ऑर्डरों को मैच करने व ट्रेड की पुष्टि के लिए हैं और बाकी तीन मिनट वह संक्रमण या बफर अवधि है जिसमें बाजार प्री-ओपन सत्र से सामान्य सत्र में जाएगा।
प्री-ओपन सत्र में कॉल ऑक्शन में शेयरों का प्राइस बैंड 20 फीसदी का रहेगा। इस सत्र के बकाया ऑर्डर सामान्य सत्र में डाल दिए जाएंगे। अगर किसी शेयर में कोई ऑर्डर नहीं आता तो सामान्य सत्र का पहला भाव ही उसका खुला भाव माना जाएगा। सेबी ने अलग-अलग स्थितियों में प्री-ओपन सत्र में कॉल ऑक्शन में शेयरों के संतुलन मूल्य तय करने का स्पष्ट फॉर्मूला उदाहरण देकर समझाया है।
सेबी के इस फैसले का मकसद यह है कि बाजार के शुरुआती कारोबार में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव पर काबू पाया जाए और तरलता का प्रवाह दुरस्त किया जाए। एक बार इसे लागू कर दिए जाने के स्टॉक एक्सचेंजों को अपनी मासिक रिपोर्ट में इसका सारा ब्योरा सेबी के पास भेजना होगा। तीन महीने बाद इस व्यवस्था की समीक्षा की जाएगी। उसके आधार पर इसमें संशोधन भी किया जा सकता है।