दुनिया के बाजारों के बढ़ने कारण अपना शेयर बाजार भी भारी अंतर के साथ खुला। निफ्टी 2.79 फीसदी बढ़कर 4883.65 पर तो सेंसेक्स 2.72 फीसदी बढ़कर 16,222.49 पर। शाम होते-होते निफ्टी 136.75 अंकों की बढ़त के साथ 4888.05 और सेंसेक्स 440.13 अंकों की बढ़त के साथ 16,232.54 पर बंद हुआ। इस बीच खाद्य मुद्रास्फीति के ताजा आंकड़ों से जाहिर हुआ कि इस पर कोई लगाम नहीं लग पा रही है तो दोपहर बाद थोड़ी मुनाफावसूली देखी गई। नहीं तो शायद बाजार और बढ़ गया होता।
फिर भी अभी बाजार का जो दबा-दबा सा रवैया चल रहा है उसकी खास वजह है निवेशकों का डगमगाया भरोसा। यह भरोसा निफ्टी के 5100 के ऊपर पहुंचने पर ही फिर से कायम होगा। इसलिए तब तक बाजार एक कदम आगे तो दो कदम पीछे चलता रहेगा। लेकिन वहां तक पहुंचने के बाद फिर सरपट भागेगा।
आज बैंकिंग क्षेत्र के तमाम शेयरों में सुधार देखा गया। एसबीआई 2.13 फीसदी, पीएनबी 2.10 फीसदी, एचडीएफसी बैंक 2.61 फीसदी और आईसीआईसीआई बैंक कुछ ज्यादा ही तेजी से 5.82 फीसदी बढ़ गया। इसके अलावा मेरे दो खास स्टॉक्स हैं एडुकॉम्प सोल्यूशंस और डीएलएफ जिन्होंने आज बाजार को बढ़त में अच्छी-खासी मात दी। डीएलएफ 5.81 फीसदी बढ़ा है तो एडुकॉम्प सोल्यूशंस में 4.64 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। मेरा मानना है कि इनमें अब भी बढ़ने की काफी गुंजाइश बाकी बची है।
अगले हफ्ते बुधवार, 12 अक्टूबर को इनफोसिस के सितंबर तिमाही के नतीजे आ जाएंगे जो बाजार के पूरे मिजाज व रवैए का फैसला करेंगे। मेरा ख्याल है कि इस बार उसके नतीजे और आगे का अनुमान, दोनों ही बाजार की उम्मीद से बेहतर होंगे। इधर रुपया जिस तरह से कमजोर हुआ है, इसका फायदा भी इनफोसिस को मिलेगा। जब यह 3500 रुपए पर था, तब हमने कभी भी इसे खरीदने की सलाह नहीं दी। लेकिन जब से यह 2200 रुपए पर आया है, यह निवेश के लिए सबसे अच्छा दांव बन गया बै। अगले छह महीनों में यह 3000 रुपए के ऊपर होगा।
एक बुद्धिमान आदमी अपने दुश्मनों तक का इतना इस्तेमाल कर लेता है जितनी मूर्ख लोग अपने दोस्तों तक का नहीं कर पाते।
(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होंगे। यह मूलत: सीएनआई रिसर्च का पेड-कॉलम है, जिसे हम यहां मुफ्त में पेश कर रहे हैं)