दशकों बाद भारत-पाक व्यापार में मिठास

भारत और पाकिस्तान के व्यापारिक रिश्तों में अरसे बाद मिठास आती नजर आ रही है। एक तो साढे तीन दशक से भी ज्‍यादा समय के बाद पाकिस्‍तान का कोई वाणिज्‍य मंत्री भारत के दौरे पर आया है। दूसरे भारत ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के मंच पर यूरोपीय संघ से पाकिस्तान को टेक्सटाइल निर्यात पर मिल रही छूट का विरोध नहीं करने का फैसला किया है। पाक सरकार ने इस्लामाबाद से बयान जारी कर भारत के इस रुख का स्वागत किया है। बता दें कि भारत ने पहले यूरोपीय संघ में पाकिस्तान के टेक्सटाइल समेत कुछ उत्पादों के शुल्क मुक्त आयात पर डब्ल्यूटीओ में एतराज जताया था।

पाकिस्‍तान के वाणिज्‍य मंत्री मकदूम मोहम्‍मद अमीन फहीम वाणिज्‍य मंत्री आनन्‍द शर्मा के न्यौते पर 26 सितम्‍बर से 2 अक्‍टूबर तक भारत की यात्रा पर हैं। यह पिछले 35 सालों में पाकिस्तान के किसी भी वाणिज्य मंत्री का पहली भारत यात्रा है।

दोनों देशों के मंत्रियों के बीच राजधानी दिल्ली में बुधवार को आधिकारिक स्‍तर की बातचीत हुई जिसमें तीन साल के भीतर आपसी व्‍यापार को 2.7 अरब डॉलर सालाना के मौजूदा स्‍तर से दोगुना से भी ज्‍यादा करके छह अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया। पाकिस्तान ने भारत को व्यापार में वरीयता देने और आयात की नकारात्मक सूची खत्म करने के प्रति भरोसा दिलाया है।

बातचीत के बाद वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा ने बताया कि पिछले साल भारी बाढ़ के बाद यूरोपीय संघ ने पाकिस्तान को टेक्सटाइल निर्यात को लेकर रियायतें दी थीं। उन पर भारत ने एतराज जाहिर किया था। अब भारत डब्ल्यूटीओ के मंच पर पाकिस्तान को मिल रही इस राहत का विरोध नहीं करेगा। भारत, बांग्लादेश समेत कुछ अन्य एशियाई देशों ने पाकिस्तान को मिलने वाली इस रियायत का पिछले साल विरोध किया था। भारत का कहना था कि बाढ़ की वजह से उसका कपास उत्पादन भी प्रभावित हुआ है। इसलिए अकेले पाकिस्तान को ही राहत नहीं मिलनी चाहिए।

पाकिस्तान के वाणिज्य मंत्री ने आनंद शर्मा को पाकिस्तान का दौरा करने का निमंत्रण भी दिया। इसे शर्मा ने स्वीकार कर लिया। आनंद शर्मा पाकिस्तान में होने वाली साफ्टा (दक्षिण एशियाई व्यापार समझौता) की बैठक में भाग लेने भी जाएंगे। इस बैठक को दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने की दिशा में काफी अहम माना जा रहा है। दोनों देश पेट्रोलियम उत्पादों और एनर्जी पर एक एक्सपर्ट ग्रुप बनाने को भी राजी हो गए हैं। इसके अलावा बीटी कॉटन के व्यापार को भी ज्यादा तवज्जो दी जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *