इनकम टैक्स भले ही प्रत्यक्ष टैक्स हो। लेकिन इसे साल में ₹2.5 लाख से ज्यादा कमानेवाला हर देशवासी देता है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक हमारी प्रति व्यक्ति आय वित्त वर्ष 2022-23 में ₹99,404 तक पहुंची थी और अब ताज़ा अनुमान के मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 में ₹1,06,134 रह सकती है। इसके ढाई गुना से ज्यादा कमाकर इनकम टैक्स देने वालों की संख्या 7.78 करोड़ हो चुकी है, जिसमें से 7.65 करोड़ बाकायदा टैक्स रिटर्न दाखिल करते हैं। वहीं, सरकार के मुताबिक देश में पंजीकृत कंपनियों की संख्या 24 लाख से ज्यादा है जिसमें से सक्रिय कंपनियां करीब 16.2 लाख है। कंपनियां व्यक्तियों से हज़ारों गुना ज्यादा कमाती हैं तो उनके द्वारा दिया जानेवाला कॉरपोरेट टैक्स भी ज्यादा होना चाहिए। लेकिन इधर कुछ सालों से बेहद खतरनाक ट्रेन्ड चला है कि सरकार को मिलनेवाला कॉरपोरेट टैक्स इनकम टैक्स से कम होता जाता रहा है। यह किसी गलती से नहीं, बल्कि सरकार के सायास प्रयास से हो रहा है। तभी तो सरकार ने इस ट्रेन्ड को संस्थाबद्ध करते हुए ही नए वित्त वर्ष 2024-25 के बजट प्रावधान तैयार किए हैं। इस बार के बजट में कॉरपोरेट टैक्स से ₹10,42,830 करोड़ मिलने हैं, जबकि इनकम टैक्स से ₹11,56,000 करोड़। अब सोमवार का व्योम…
यह कॉलम सब्सक्राइब करनेवाले पाठकों के लिए है.
'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं।
इस कॉलम को पूरा पढ़ने के लिए आपको यह सेवा सब्सक्राइब करनी होगी। सब्सक्राइब करने से पहले शर्तें और प्लान व भुगतान के तरीके पढ़ लें। या, सीधे यहां जाइए।
अगर आप मौजूदा सब्सक्राइबर हैं तो यहां लॉगिन करें...