भारत में साल 2015 तक खेल के धंधे से हर साल दो अरब डॉलर का राजस्व पाया जा सकता है। इसमें टेलिविजन मीडिया और प्रायोजन से होने वाली आय की खास भूमिका होगी। यह निष्कर्ष है दुनिया की जानीमानी सलाहकार और एकाउंटिग फर्म प्राइस वॉटरहाउस कूपर्स (पीडब्ल्यूसी) का।
पीडब्ल्यूसी के ताजा अध्ययन के मुताबिक आनेवाले सालों में देश में टीवी विज्ञापन और प्रायोजन आय में काफी इजाफा होगा जिससे भारत ब्रिक देशों (रूस, चीन, भारत और ब्राजील) में ब्राजील के बाद दूसरा सबसे ज्यादा राजस्व जुटाने वाला देश बन जाएगा।
अध्ययन के अनुसार भारत में हर साल खेल राजस्व में पांच फीसदी की वृद्धि होगी, जिससे यह 2015 तक 1.89 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा। हालांकि 2015 तक पांच वर्षों में भारत की वृद्धि दर 3.7 फीसदी की वैश्विक औसत वृद्धि दर से अधिक होगी।