अमेरिका ने भारतीय आईटी प्रोफेशनलों में लोकप्रिय रोजगार वीज़ा एच-1बी का शुल्क पहली अक्टूबर से शुरू होने वाले अगले वित्त वर्ष से बढ़ाने का निर्णय किया है। भारतीय कंपनियों पर इसका नकारात्मक असर पड़ने की आशंका है। इस वीजा के लिए आवेदन 2 अप्रैल से किए जाएंगे।
अमेरिकी सिटीजनशिप एंड एमिग्रेशन सर्विसेज (यूएससीआईएस) ने एक बयान में कहा कि अमेरिका में 50 या इससे अधिक कर्मचारियों को काम पर रखनेवाली ऐसी कंपनियों के लिए एच1 वीजा आवेदन पर प्रति आवेदन 325 डॉलर से 2000 डॉलर के बीच शुल्क चुकाना होगा जिनमें आधे से अधिक कर्मचारी प्रवासी कर्मचारियों के लिए जारी होने वाले वीजा पर हैं। यूएससीआईएस इस साल नियोक्ताओं से एक से 25 पूर्णकालिक कर्मचारियों के लिए 750 डॉलर जबकि 26 या इससे अधिक पूर्ण कालिक कर्मचारियों के लिए 1500 डॉलर का शुल्क वसूल रहा है।
आवेदन पर 15 दिन के भीतर कार्रवाई के लिए प्रीमियम सेवा के तहत अतिरिक्त 1225 डॉलर अतिरिक्त भुगतान करना होगा। गौरतलब है कि सॉफ्टवेयर और आईटी सेवाएं प्रदान करने वाली भारतीय कंपनियां भारत से बड़ी संख्या में अपने कर्मचारी अमेरिका भेजती हैं। अमेरिकी संसद ने अक्तबूर-सितंबर 2012-13 के लिए 65,000 एच1बी वीजा जारी करने की अनुमति दी है।