जीवीके पावर एंड इंफ्रास्ट्रक्चर (बीएसई कोड-532708) कई महीनों से 40 रुपए के आसपास अटका हुआ है। एक कदम आगे, दो कदम पीछे का हिसाब-किताब इसमें चल रहा है। 31 मई को जब हमने पहली बार इसके बारे में लिखा था, तब इसका पिछला बंद भाव 42.30 रुपए था। कल इसका एक रुपए अंकित मूल्य का शेयर बीएसई में 43.70 रुपए और एनएसई में 43.80 रुपए पर बंद हुआ है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2009-10 में 45.37 करोड़ रुपए की आय पर 21.68 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया था। चालू वित्त वर्ष में जून की पहली तिमाही में उसकी आय 12.85 रुपए और शुद्ध लाभ 9.73 करोड़ रुपए रहा है। लेकिन 157.92 करोड़ रुपए की इक्विटी के कारण उसका प्रति शेयर लाभ (ईपीएस) क्रमशः 14 पैसे और 6 पैसे है।
उसका पिछले बारह महीनों (टीटीएम) का ईपीएस 19 पैसे है और इस आधार पर उसका शेयर 230 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है। इसकी बुक वैल्यू भी महज 15.68 रुपए है। क्या इस शेयर को सस्ता और निवेश की संभावना वाला माना जा सकता है? आईसीआईसीआई सिक्यूरिटीज का जवाब है – हां। उसने कंपनी पर अपनी रिसर्च रिपोर्ट के आधार पर कहा है कि यह शेयर अगले एक से डेढ़ साल में कम से कम 20 फीसदी बढ़ सकता है। आइए देखते हैं कि इस रिसर्च रिपोर्ट की खास बातें क्या हैं…
रिपोर्ट कहती है कि वित्त वर्ष 2010-11 की पहली तिमाही में नतीजे उम्मीद से कमतर रहे हैं क्योंकि उसे अपने जेपी-1 संयंत्र के मेन्टेनेंस पर 11 करोड़ रुपए खर्च करने पड़े हैं। दूसरे गैस आधारित संयंत्रों से बेची जानेवाली बिजली पर आज या कल में ही कोई अच्छा फैसला आनेवाला है। इसके आते ही यह स्टॉक अचानक गति पकड़ सकता है। तीसरे, कंपनी मुंबई एयरपोर्ट के रीयल एस्टेट का व्यावसायिक इस्तेमाल करनेवाली है। बता दें कि मुंबई एयरपोर्ट को लकदक बनाने का काम एमआईएएल (मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड) कर रही है जिसमें जीवीके की 74 फीसदी और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की 26 फीसदी हिस्सेदारी है।
चौथी बात यह है कि कंपनी अपने पावर डिवीजन की विस्तार योजनाओं के लिए 25 करोड़ डॉलर प्राइवेट इक्विटी के जरिए जुटाने जा रही है। यह बातें कंपनी के स्टॉक के लिए प्रेरक का काम करेंगी। इस साल कंपनी का ईपीएस 90 पैसे और अगले साल 1.40 रुपए होने का अनुमान है। उसकी बुक वैल्यू भी बढ़ेगी। अगले साल की बुक वैल्यू से शेयर का भाव 1.9 गुना रहा तो वह आराम से 53-54 रुपए पर होगा। रिपोर्ट के मुताबिक जीवीके इंफ्रा अगले तीन सालों में 2467 करोड़ रुपए का पूंजी खर्च करेगी, जिसमें से 1267 करोड़ रुपए वह आंतरिक स्रोतों से जुटाएगी और बाकी रकम प्राइवेट इक्विटी से हासिल होगी। पिछले हफ्ते ही कंपनी के चेयरमैन जीवी कृष्ण रेड्डी ने एक इंटरव्यू में बताया है कि बिजली इकाई की हिस्सेदारी बेचकर 1500 करोड़ रुपए जुटाए जाएंगे। दूरगामी निवेश के लिए इस स्टॉक पर दांव लगाया जा सकता है। लेकिन यह बढ़ेगा धीरे ही धीरे।