विकास की कड़ियां नव भारत में

नव भारत वेंचर्स का शेयर (बीएसई – 513023, एनएसई – NBVENTURES) कल 295.10 रुपए पर 52 हफ्ते की तलहटी छूने के बाद 302 रुपए पर बंद हुआ है। कंपनी का ठीक पिछले बारह महीनों का ईपीएस (प्रति शेयर लाभ) 56.64 रुपए है तो निकालिए उसके शेयर का पी/ई अनुपात कितना हुआ? शेयर भाव बटे ईपीएस = 302/56.64 = 5.33। ऊपर से इस शेयर की बुक वैल्यू है 234.06 रुपए। यानी शेयर का भाव बुक वैल्यू से मात्र 1.29 गुना है। शायद इस शेयर में निवेश करने का कोई और वित्तीय आधार बताने की जरूरत नहीं है।

1975 में आंध्र प्रदेश में फेरो सिलिकॉन के उत्पादन और नव भारत फेरो एलॉयज के नाम से शुरू हुई इस कंपनी के विकास का पैटर्न दिलचस्प रहा है। वह पहले तो अपनी क्षमता बढ़ाती गई और उड़ीसा में एक नया स्मेल्टर लगाया जिसमें वह अपनी जरूरत की पूरी बिजली भी बनाने लगी। जल्दी ही वह देश में फेरो एलॉयज के सबसे बड़े निर्माता-निर्यातकों में शुमार हो गई। 1980 में वह चीनी और उसके बाई-प्रोडक्ट रेक्टिफाइड स्पिरिट और न्यूट्रल एलकोहल बनाने लगी। 1997 में बिजली की पूरी सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए वह अलग से ताप बिजली उत्पादन में उतरी तो जरूरत से ऊपर की बिजली उड़ीसा राज्य विद्युत बोर्ड को बेचने लग गई।

2005 में वह एसपीवी (स्पेशल परपज वेहिकल) के जरिए इंफ्रास्ट्रक्चर व रीयल एस्टेट विकास में भी उतर गई। इस तरह कड़ी दर कड़ी वह फेरो एलॉय से चीनी, बिजली व इंफ्रास्ट्रक्चर तक पहुंचती गई तो 2006 में उसका नाम बदलकर नव भारत वेंचर्स कर दिया गया। इसके बाद कंपनी देश के बाहर सिंगापुर, लाओस और जाम्बिया तक पहुंच चुकी है। जाम्बिया में खनन का काम वह अगले वित्त वर्ष में शुरू कर देगी। लाओस में जापानी कंपनी के अधिग्रहण के बाद वह पन-बिजली संयंत्र लगा रही है। चीनी से लेकर फेरो एलॉय और बिजली से उसकी अच्छी-खासी कमाई हो रही है।

सितंबर 2010 की तिमाही में उसकी कुल आय 288 करोड़ रुपए रही है जिसका 58.4 फीसदी हिस्सा बिजली से आया है। लेकिन बिक्री बढ़ने के बावजूद इस दौरान उसका शुद्ध लाभ 84.44 करोड़ रुपए रहा है जो साल भर पहले की तिमाही के शुद्ध लाभ 122.58 करोड़ रुपए से 31 फीसदी कम है। इसकी मुख्य वजह कच्चे माल पर खर्च का 14.02 करोड़ से बढ़कर 75.59 करोड़ रुपए हो जाना है। बाकी कंपनी के साथ कुछ भी नकारात्मक नहीं है। इससे पहले वित्त वर्ष 2009-10 में उसने 1179.42 करोड़ रुपए की आय पर 498.68 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया था।

कंपनी के पास 1580.95 करोड़ रुपए के रिजर्व हैं। उसकी चुकता पूंजी या इक्विटी 15.27 करोड़ रुपए है जो दो रुपए अंकित मूल्य के शेयरों में विभाजित है। इसका 45.49 फीसदी हिस्सा प्रवर्तकों के पास और 54.51 फीसदी हिस्सा पब्लिक के पास है। पब्लिक के हिस्से में से एफआईआई के पास कंपनी के 18.84 फीसदी और डीआईआई के पास 5.07 फीसदी शेयर हैं। इस साल मार्च से सितंबर के बीच डीआईआई ने कंपनी में अपनी हिस्सेदारी 6.34 फीसदी से घटाकर 5.07 फीसदी कर दी है, वहीं इस दौरान एफआईआई ने अपनी हिस्सेदारी 15.85 फीसदी से बढ़ाकर 18.84 फीसदी कर दी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *