भारत साल 2007 में ही 1022 डॉलर प्रति व्यक्ति आय के साथ निम्न मध्यम आय का देश बन गया था। 18 साल बाद 2025 में भी वो 2698 डॉलर प्रति व्यक्ति आय के साथ निम्न मध्यम आय का ही देश है। अमर्त्य सेन जैसे कुछ प्रखर अर्थशास्त्रियों का कहना है कि अगर कोई देश 28 साल तक निम्न मध्यम आय की श्रेणी में फंसा रह जाता है तो इस ट्रैप से उसका निकल पाना असंभव नहीं तो बेहद कठिन ज़रूर हो जाता है। भारत के लिए इस ट्रैप से बचने के लिए अभी दस साल बाकी हैं। विश्व बैंक के मानक के हिसाब से उच्च मध्यम आय के देश की प्रति व्यक्ति आय 4516 से 14,005 डॉलर होनी चाहिए। अगर ट्रम्प की आक्रामकता के आगे मोदी सरकार ने घुटने नहीं टेके तो भारत 2035 तक निम्न मध्यम आय के ट्रैप को तोड़कर उच्च मध्यम आय का देश बन सकता है। आईएमएफ का आकलन है कि भारत की प्रति व्यक्ति आय 2029 में 4195 डॉलर चक पहुंच जाएगी। लेकिन भारत का अमीर देशों की श्रेणी में आना बेहद मुश्किल है। ब्राज़ील दशकों की मशक्कत के बावजूद उच्च मध्यम आय पर अटका है। चीन दुनिया में मैन्यूफैक्चरिंग का पावरहाउस और दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने पर भी अब तक अमीर देश नहीं बन पाया। अब बुधवार की बुद्धि…
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