लोकसभा नतीजों से साफ है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सारा तिलिस्म टूट गया है और केंद्र में बैसाखी पर टिकी सरकार बनने जा रही है। भाजपा को अपने दम 240 सीट ही मिली है। टीडीपी के 16 और जेडी-यू के 12 सांसदों को साथ लेकर ही नरेंद्र मोदी फिर से सरकार बना पाएंगे। अगर ये दोनों दल अपने 28 सांसदों को लेकर 234 सीटों वाले इंडिया गठबंधन के पाले में चले गए तो वो भी जोड़तोड़ करके सरकार बना सकता है। असल में देश का आम अवाम दस साल में फेंके गए मोदी सरकार के जुमलों से पक गया है। कभी ये तो कभी वो। गरीबों, किसानों, महिलाओं, युवाओं के कल्याण की खोखली बातें। ज़मीन पर कुछ नहीं। नया नारा कि 2047 तक भारत को विकसित देश बना लेगे। मगर कहीं कोई जवाबदेही नहीं। इस बार विपक्ष के पास ज्यादा ताकत है तो शायद सरकार को जवाबदेह होना पड़े। इंडियास्पेंड की एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2015 से 2023 के बीच संसद में स्वास्थ्य, शिक्षा, श्रम, कृषि, फाइनेंस, लैगिंक स्थिति और कानून व न्याय से जुड़े 35 सवालों पर मोदी सरकार ने कहा कि उसके पास अभी कोई डेटा नहीं है। इन 35 में से भी 17 सवालों पर सरकार की तरफ से कहा गया कि इन पर वो कोई डेटा रखती ही नहीं। इस बार यह स्थिति ज़रूर बदलेगी। अब गुरुवार की दशा-दिशा…
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