मौज पूरी सरकार की, जनता है हलकान

सरकार का खजाना लबालब है। प्रत्य़क्ष और परोक्ष टैक्स जमकर बढ़ रहे हैं। 9 अक्टूबर तक केंद्र सरकार को रिफंड वगैरह घटाने के बाद शुद्ध रूप से 9.57 लाख करोड़ रुपए का प्रत्यक्ष टैक्स (कॉरपोरेट टैक्स, इनकम टैक्स + सिक्यूरिटीज़ ट्रांजैक्शन टैक्स) मिल चुका है जो साल भर पहले की समान अवधि की तुलना में 21.8% ज्यादा है। सितंबर 2023 तक की छमाही में सरकार का एडवांस टैक्स संग्रह 20% बढ़कर 3.54 लाख करोड़ रुपए हो चुका है। परोक्ष टैक्स की बात करें तो नवंबर तक जीएसटी से केंद्र सरकार को कुल 13.32 लाख करोड़ रुपए मिल चुके हैं जो साल भर पहले से 11.9% अधिक है। इसमें से अकेले नवंबर महीने में उसे 1.68 लाख करोड़ रुपए मिले हैं। हर महीने सरकार को मिल रहे जीएसटी का औसत 1.66 लाख करोड़ रुपए है। लेकिन सरकारी आंकड़े बताते है कि इस साल सितंबर तिमाही में आम लोगों द्वारा अंतिम खपत पर किया जानेवाला खर्च (पीएफसीआई) महज 3.1% बढ़ा है। जून यह तिमाही में 6% बढ़ा था। जीडीपी में निजी खर्च का हिस्सा घटकर 56.8% हो गया है, जबकि साल भर पहले यह 59.3%  था। आम लोगों की आमदनी व बचत घट रही है। उनके हाथ तंग हैं। ऊपर से साल भर में उन पर कर्ज का बोझ 76% बढ़ गया है। अब गुरुवार की दशा-दिशा…

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