जगन्नाधम तुनगुंटला
1987 में वॉल स्ट्रीट (अमेरिकी शेयर बाजार) के निवेश बैंक जहां-तहां से पूंजी जुटाने की जुगत में भिड़े हुए थे ताकि कबाड़ बन चुके बांडों में अपने निवेश को लगे धक्के से निकलकर बैलेंस शीट को चमकदार बनाया जा सके। ऐसे माहौल में सालोमन ब्रदर्स के लिए संकटमोचन बनकर आ गए वॉरेन बफेट। उन्होंने सालोमन के परिवर्तनीय वरीयता स्टॉक ने 70 करोड़ डॉलर का निवेश कर दिया।
अगस्त 1991 तक सब कुछ सही चला। तभी एक बड़ी कानूनी अनियमितता हुई और सालोमन ब्रदर्स की बांड ट्रेडिंग डेस्क से हुआ घोटाला सामने आ गया। इसने, दरअसल सालोमन ब्रदर्स को दीवालियेपन की कगार पर पहुंचा दिया था और समूची विश्व अर्थव्यवस्था को भयंकर नुकसान के जोखिम में डाल दिया था।
इस विकट स्थिति में वॉरेन बफेट सालोमन ब्रदर्स के चेयरमैन और सीईओ बन गए और उन्होंने उसे उबारने का जिम्मा संभाल लिया। वे वहां नौ महीनों तक रहे और इस दौरान सालोमन ब्रदर्स के कामकाज को पटरी पर ले आए। लेकिन इतने भयावह अनुभव के बाद उन्होंने कभी किसी दूसरे वॉल स्ट्रीट बैंक में निवेश नहीं किया। उनका बड़ा मशहूर बयान है कि अगर आपको वॉल स्ट्रीट से पैसे बनाने हैं तो आप वहां से गुजरते वक्त अपनी नाक बंद कर लें और बाहर निकल जाएं।
सालोमन ब्रदर्स से बाद में वे खुद भी निकल आए। लेकिन इसके कई साल उन्होंने 2008 में वॉल स्ट्रीट के एक और निवेश बैंक में पैसा लगा दिया। यह बैंक था गोल्डमैन सैक्स और दौर था लेहमान ब्रदर्स की दीवालियेपन के बाद उभरी अफरातफरी भरे आर्थिक हालात का। पता नहीं इतिहास अपने को दोहरा रहा है या नहीं। लेकिन इतना तो हुआ ही है कि अमेरिका के सिक्यूरीटज एक्सचेंज कमीशन (सीईसी) ने 16 अप्रैल 2010 को गोल्डमैन सैक्स पर फ्रॉड का मुकदमा ठोंक दिया है। समस्या गहराती जा रही है। ब्रिटेन और जर्मनी के भी पूंजी बाजार नियामकों ने गोल्डमैन सैक्स पर जांच का शिकंजा कस दिया है।
जैसे-जैसे स्थितियां आगे बढ़ रही हैं, मामला उद्घाटित हो रहा है, कोई अपने को यह सोचने से नहीं रोक सकता है कि कहीं इतिहास अपने को एक बार फिर न दोहरा दे। कहीं ऐसा न हो जाए कि वॉरेन बफेट गोल्डमैन सैक्स के लिए संकटमोचक बनकर उसकी बागडोर संभाल लें? वैसे, वाकई यह देखना काफी दिलचस्प होगा कि दुनिया का सबसे विख्यात निवेशक इस समय दुनिया के सबसे कुख्यात निवेश बैंक का मुखिया बनता है या नहीं। फिलहाल, इतना तो हो ही गया है कि इसी शनिवार, 1 मई 2010 को वॉरेन बफेट ने गोल्डमैन सैक्स समूह का जबरदस्त बचाव किया और कहा कि इस फर्म ने कोई गलत काम नहीं किया है और इसके ग्राहकों को हुए नुकसान का दोष इस पर नहीं डाला जा सकता।
लेखक प्रमुख ब्रोकर फर्म एसएमसी कैपिटल्स के इक्विटी प्रमुख हैं।
रोचक जानकारी।