भारतीय शेयर बाज़ार के लिए विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) का बने रहना कितना अहमियत रखता है, इसका अंदाज़ा इससे लगाया जा सकता है कि हमारा सालाना बजट अभी 39.45 लाख करोड़ रुपए का है, जबकि एफआईआई द्वारा भारत में प्रबंधित आस्तियां (ऐसेट अंडर कस्टडी या एयूसी) घटने के बावजूद फरवरी माह में 49.75 लाख करोड़ रुपए हैं जिसमें से 45.55 लाख करोड़ रुपए उन्होंने शेयर बाज़ार में लगा रखे थे। जनवरी में इनका एयूसी 52.13 लाख करोड़ रुपए था, जिसमें से 47.91 लाख करोड़ रुपए हमारे शेयर बाज़ार में लिस्टेड कंपनियों में लगे हुए थे। भारत के सालाना बजट से ज्यादा रकम दुनिया के बड़े देशों के निवेशकों ने हमारे शेयर बाज़ार में लगा रखी है। उनका निकलना हमें खोखला कर देगा। अब मंगलवार की दृष्टि…
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