सरकार के लिए बड़े सुकून की बात है खाद्य पदार्थों की मुद्रास्फीति 19 जून को खत्म सप्ताह में तेजी से घटकर 12.92 फीसदी पर आ गई है। इससे पिछले हफ्ते में यह 16.90 फीसदी थी। इस कमी की वजह अनाज और सब्जियों के थोक मूल्यों का घटना है।
एक साल पहले की तुलना में आलू के दाम 39.61 फीसदी और प्याज के दाम 7.36 फीसदी घटे हैं। दालों के थोक भाव सालाना आधार पर 31.57 फीसदी ज्यादा है। लेकिन पिछले हफ्ते की तुलना में इसमें 0.47 फीसदी की कमी दर्ज की गई है। बता दें कि मई माह में थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति की दर 10.16 फीसदी रही है। इसमें बड़ा योगदान खाद्य पदार्थों की महंगाई का रहा है। खाद्य पदार्थों के सूचकांक से जुड़ी मुद्रास्फीति इस साल ज्यादातर 16 फीसदी से ऊपर ही रही है। इसलिए इसका घटकर 12.92 फीसदी पर आना एक सुखद खबर है।
जानकारों का कहना है कि रबी की फसल के आने और अब अच्छे मानसून के बाद कृषि जिंसों के दाम का गिरना लगभग तय है। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी भी हाल में बोल चुके हैं कि तीन महीने में मुद्रास्फीति की दर नीचे आ जाएगी। लेकिन पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस और केरोसिन तेल के बढ़े दाम सरकार की मंशा पर पानी फेर सकते हैं।