खाद्य मुद्रास्फीति की दर 21 मई को समाप्त सप्ताह में घटकर 8.06 फीसदी पर आ गई है। इससे पिछले हफ्ते यह 8.55 फीसदी थी। वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय की तरफ से गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार 21 मई को खत्म हफ्ते में गैर-खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति की दर 21.31 फीसदी है, जबकि हफ्ते भर पहले यह 23.22 फीसदी थी।
इन आंकड़ों के जारी होने के बाद वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने उम्मीद जताई कि आने वाले हफ्तों में मुद्रास्फीति में और नरमी आएगी। वित्त मंत्री ने गैर खाद्य वस्तुओं की महंगाई में कमी को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने राजधानी दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, ‘‘महत्वपूर्ण आंकड़ा गैर खाद्य थोक मूल्य सूचकांक है। इसमें व्यावहारिक दृष्टि से दो फीसदी अंक की गिरावट आई है और यह 23.22 फीसदी से 21.31 फीसदी पर आ गई है। मेरी टिप्पणी है कि मुद्रास्फीति में और गिरावट आएगी।’’
बता दें कि थोक मूल्य सूचकांक में खाद्य वस्चुओं का योगदान 14.34 फीसदी है, जबकि गैर-खाद्य वस्तुओं का योगदान मात्र 4.26 फीसदी है। लेकिन वित्त मंत्री ने कहा कि अगर खाद्य वस्तुओं और गैर खाद्य प्राथमिक वस्तुओं में गिरावट का रुख जारी रहता है तो संभव है कि सकल महंगाई की दर नीचे आ जाए। मुखर्जी ने हालांकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की ऊंची कीमतों के प्रति आगाह करते हुए कहा कि इससे घरेलू स्तर पर महंगाई बढ़ सकती है।
तेल विपणन कंपनियों ने पिछले महीने 15 मई को पेट्रोल के दामों में 5 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की थी। साल दर साल आधार पर पेट्रोल के दामों में 32 फीसदी का इजाफा हो चुका है। वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम इस समय 100 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर चल रहे हैं।