सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को विदेश में खनन की परियोजनाओं के लिए त्वरित गति से मंजूरी देने पर विचार कर रही है। इससे विदेश में तेल, कोयला व खानों में निवेश के लिए प्रस्तावों को मंत्रिमंडल में बिना भेजे मंजूरी मिल सकेगी।
सार्वजनिक उद्यम विभाग के सचिव भास्कर चटर्जी ने समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट को बताया कि इससे सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को प्राकृतिक संसाधनों के खनन प्रस्तावों पर निवेश के लिए मंत्रिमंडल की मंजूरी की आवश्यकता नहीं होगी।
कैबिनेट सचिव के एम चन्द्रशेखर की अध्यक्षता में एक अधिकार संपन्न समिति का गठन किया जाएगा जो सार्वजनिक उपक्रम के लिए विदेशों में रणनीतिक अधिग्रहण के लिए इस प्रकार के प्रस्तावों को मंजूरी देगी। उन्होंने कहा, ‘‘सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के प्रशासनिक मंत्रालय के सचिव, कंपनियों के प्रबंध निदेशक और विदेश मामलों, कानून व वित्त मंत्रालयों के प्रतिनिधि अधिकार-प्राप्त समिति में होंगे।’’
चटर्जी ने कहा कि एक बार फास्ट-ट्रैक प्रणाली शुरू होने के साथ सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां विशेषकर कोयला, तेल व खदान जैसे रणनीतिक क्षेत्र की कंपनियां तीन सप्ताह के भीतर ही उच्चस्तरीय समिति से विदेश में निवेश प्रस्ताव पर मंजूरी ले सकेंगी।