डिजिटल ज़माने में सब वर्चुअल तो नहीं!

शेयर बाज़ार के धुरंधर मानकर चल रहे हैं कि भारत मूलभूत रूप से बदल गया है। हम सरपट विकास की राह पर हैं। सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर डिफेंस तक पर खुलकर खर्च कर रही है जिससे हमारी कंपनियों को फायदा हो रहा है। सब कुछ मोदीमय है। चूंकि 2024 में भी मोदी सरकार बनना तय है तो बाजार कुलांचे मारे जा रहा है। लेकिन सिक्के का दूसरा पहलू यह है कि संसद बेमानी हो गई है, हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक सरकार के खिलाफ जा नहीं सकते, समूचा मीडिया बेरीढ होकर मोदीभक्त और सरकारी प्रचार का जरिया बन गया है, समाज में रार बढ़ गई है, हर तरफ झूठ व दलाली का बोलबाला है और जो भी सच बोलने या सरकार का विरोध करने की जुर्रत करता है, उसके पीछे ईडी और सीबीआई छोड़ दी जाती है। सरकार सच का तिनका भी बरदाश्त नहीं कर पा रही। अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियों ने भारत को अब भी BBB- की कमतर रेटिंग दे रखी है क्योंकि यहां भ्रष्टाचार है, निष्पक्ष मीडिया व अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और कानून का सही राज नहीं है तो सरकार फिरंट होकर कहती है कि रेटिंग एजेंसियों का पैमाना ही गलत है। डर है कि कहीं सारा विकास आभासी तो नहीं और देश की हालत अंततः कहीं ‘अंधे अंधा ठेलिया दोनों कूप पड़ंत’ जैसी न हो जाए! अब मंगलवार की दृष्टि…

यह कॉलम सब्सक्राइब करनेवाले पाठकों के लिए है.
'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं। इस कॉलम को पूरा पढ़ने के लिए आपको यह सेवा सब्सक्राइब करनी होगी। सब्सक्राइब करने से पहले शर्तें और प्लान व भुगतान के तरीके पढ़ लें। या, सीधे यहां जाइए।
अगर आप मौजूदा सब्सक्राइबर हैं तो यहां लॉगिन करें...

Existing Users Log In
   
New User Registration
Please indicate that you agree to the Terms of Service *
captcha
*Required field