शर्माजी बोले थे आइम्को एलेकॉन

एचडीएफसी सिक्यूरिटीज के वी के शर्मा जी कहते हैं कि आइम्को इलेकॉन (इंडिया) लिमिटेड लंबे निवेश के लिए अच्छी कंपनी है। उन्होंने 19 अगस्त को जब यह शेयर खरीदने की सिफारिश की थी, तब इसका बंद भाव 310.55 रुपए था। उसके बाद से लगातार गिरते-गिरते यह 25 अगस्त को 296 रुपए पर पहुंच गया। कल 26 अगस्त को जाकर यह बीएसई (कोड – 523708) में 20 पैसे बढ़कर 296.20 रुपए पर बंद हुआ है तो एनएसई (कोड – EIMCOELECO) में 2.80 रुपए घटकर 295.15 रुपए पर। अब क्रिसिल इक्विटी रिसर्च ने आइम्को इलेकॉन को मूलभूत मजबूती के लिए 5 में 4 अंक दिए हैं और इसका वैल्यूएशन ग्रेड 3/5 है। क्रिसिल का आकलन है कि साल भर में इस शेयर का उचित मूल्य 314 रुपए होना चाहिए।

गुजरात की यह कंपनी माइनिंग व कंस्ट्रक्शन में इस्तेमाल होनेवाले साइड डम्प लोडर, लोड हॉल डम्पर, रॉकर शॉवेल लोडर, डम्प ट्रक, हाइड्रॉलिक सिलिंडर, ब्लास्ट होल ड्रिल और व्हील लोडर जैसे भारी भरकम उत्पाद बनाती है। 1974 में बनी कंपनी है। कंपनी अपनी वेबसाइट पर बताती है कि वह एलेकॉन ग्रुप और भारतीय जनता की संयुक्त उद्यम कंपनी है। पहली बार किसी कंपनी के इस तरह ‘इंडियन पब्लिक’ के संयुक्त उद्यम होने की बात सुनी है। लेकिन असल में वह देश के एलेकॉन समूह और विदेशी कंपनी टैमरॉक ग्रेट ब्रिटेन होल्डिंग की संयुक्त उद्यम है। कंपनी की 5.77 करोड़ रुपए की इक्विटी में प्रवर्तकों का हिस्सा 74.05 फीसदी है जिसमें से भारतीय प्रवर्तक के पास 48.95 फीसदी और विदेशी प्रवर्तक के पास 25.10 फीसदी शेयर हैं। जनता के पास 25.05 फीसदी शेयर हैं जिसमें से 7.27 फीसदी शेयर तो तीन बड़े निवेशकों हितेश सतीशचंद्र दोशी, डीएसपी ब्लैकरॉक और एचडीएफसी ट्रस्टी के पास हैं। कंपनी पिछले पांच सालों में 10 रुपए अंकित मूल्य के शेयर पर 3.50 से 4 रुपए लाभांश देती रही है।

कोल इंडिया से लेकर माइनिंग व मेटल उद्योग से जुड़ी तमाम कंपनियां उसकी ग्राहक हैं। शर्मा जी बताते हैं कि आइम्को इलेकॉन कोल इंडिया की बड़ी सप्लायर हैं। माइनिंग सेक्टर से सरकारी नियंत्रण हटने का सीधा लाभ इस कंपनी को मिलेगा। कंपनी के शेयर की बुक वैल्यू 230.54 रुपए है। उसका ठीक बारह महीने पहले (टीटीएम) का ईपीएस (प्रति शेयर लाभ) 24.53 रुपए है और उसका शेयर 12.08 के पीई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है। शर्मा जी कहते हैं कि साल भर में इसका ईपीएस 32 रुपए हो जाएगा। क्रिसिल इक्विटी का कहना है कि वित्त वर्ष 2011-12 में इसका ईपीएस 36 रुपए होगा और 8.7 के पीई अनुपात पर भी यह शेयर 314 रुपए पर होना चाहिए।

क्रिसिल के मुताबिक कंपनी को अपने राजस्व का 88 फीसदी हिस्सा केवल एक ग्राहक कोल इंडिया से मिलता है। यह जोखिम का एक अहम पहलू है। लेकिन भूमिगत खनन में निजी कंपनियों के आने और कंस्ट्रक्शन उपकरण भी बनाने से कंपनी के लिए जोखिम का यह पहलू मद्धिम पड़ जाएगा। वैसे भी, देश में भूमिगत खनन के उपकरणों में यह अगुआ कंपनी है। इसलिए इसकी मजबूत स्थिति पर हाल-फिलहाल आंच आने की कोई आशंका नहीं है।

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