पर्यावरण मंत्रालय की एक विशेषज्ञ आकलन समिति (ईएसी) ने पुणे के पास 2000 हेक्टेयर में बन रही लवासा की पर्वतीय नगर परियोजना के पहले चरण के लिए सशर्त मंजूरी देने की सिफारिश की है। लवासा परियोजना हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी (एचसीसी) की है। इसके लिए उसने लवासा कॉरपोरेशन नाम की सब्सिडियरी बना रखी है।
एचसीसी के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक अजित गुलाबचंद ने शुक्रवार को मुंबई में शेयरधारकों की सालाना आमसभा (एजीएम) को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हम विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों का स्वागत करते हैं। समिति ने लवासा की 2000 हेक्टेयर की पर्वतीय नगर परियोजना के पहले चरण को कुछ शर्तों के साथ मंजूरी देने का सुझाव दिया है।’’ समिति ने कहा कि लवासा कॉरपोरेशन के बॉम्बे हाईकोर्ट में लंबित कुछ मसलों की वजह से 2000 हेक्टेयर की परियोजना के पहले चरण को कुछ शर्तों के साथ पर्यावरण मंजूरी देने की सिफारिश की जाती है। यह रिपोर्ट ऑनलाइन प्रकाशित की गई है।
इसमें कहा गया है कि इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र की कंपनी को परियोजना की कुल लागत का कम से कम पांच फीसदी हिस्सा सामुदायिक विकास परियोजनाओं पर खर्च करना होगा और इसके लिए एक समयबद्ध कार्रवाई योजना बनाकर मंत्रालय के भोपाल के क्षेत्रीय कार्यालय को देनी होगी।
गुलाबचंद ने कहा कि इस परियोजना का काम रुकने से हमें रोजाना दो करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। करीब 15000 श्रमिक बेरोजगार हो गए हैं। इसलिए समिति की सिफारिशों के मद्देनजर मंत्रालय को जल्द फैसला करना चाहिए। विशेषज्ञ समिति ने कहा है कि एक उच्चस्तरीय प्रमाणीकरण और निगरानी समिति का गठन किया जाना चाहिए, जिसमें प्रमुख विशेषज्ञों, पर्यावरण एवं वन मंत्रालय और जिला प्रशासन के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाना चाहिए।