डॉ. रेड्डीज लैब का ठौर है सुरक्षित

जलजला आया हो तो मकान-दुकान छोड़कर कहीं खुले में चले जाना चाहिए और तेज-आंधी तूफान में कोई सुरक्षित कोना पकड़कर बैठ जाना चाहिए। हमारे शेयर बाजार में अभी कोई जलजला तो नहीं आया है। लेकिन सारा कुछ उड़ाकर ले जाती आंधियां जरूर चल रही हैं। तमाम शेयर अपने न्यूनतम स्तर पर पहुंच चुके हैं या पहुंचते जा रहे हैं। ऐसे में एक सुरक्षित कोना नजर आ रहा है डॉ. रेड्डीज लैब का।

धंधा है तो जोखिम तो लगा ही रहता है, ऊंच-नीच होती रहती है। जैसे, डॉ. रेड्डीज लैब ने इसी 22 जुलाई को रूस व पूर्व सोवियत संघ के देशों में जेबी केमिकल्स का प्रेस्क्रिप्शन बिजनेस खरीदने की डील की। लेकिन यह डील तीन महीने बाद ही 26 सितंबर आते-आते पूरी तरह टूट गई। इससे जरूर कंपनी और निवशकों को झटका लगा है। हालांकि कहा जा रहा है कि ऐसा करना अपरिहार्य और सबसे हित में था।

खैर, इस डील के टूटने से करीब एक महीने पहले ही डॉ. रेड्डीज लैब का शेयर 22 अगस्त 2011 को पिछले 52 हफ्ते के अपने न्यूनतम स्तर 1387 रुपए पर चला गया। अब भी उससे ज्यादा दूर नहीं गया है। कल इसका पांच रुपए अंकित मूल्य का शेयर बीएसई (कोड – 500124) में 1450.60 रुपए और एनएसई (कोड – DRREDDY) में 1451.80 रुपए पर बंद हुआ है। ए ग्रुप और बीएसई-100 जैसे सूचकांकों में शामिल कंपनी है तो इसमें डेरिवेटिव कारोबार भी होता है। इसके इस महीने के फ्चूयर्स का भाव 1454 रुपए चल रहा है।

20 जुलाई को कंपनी ने चालू वित्त वर्ष 2011-12 की पहली तिमाही के नतीजे घोषित किए थे। इनके मुताबिक जून तिमाही में स्टैंड-एलोन रूप से उसकी बिक्री 33.49 फीसदी बढ़कर 1696.96 करोड़ रुपए और शुद्ध लाभ 85.72 फीसदी बढ़कर 454.05 करोड़ रुपए हो गया है। इससे पहले बीते वित्त वर्ष 2010-11 में उसने 5304.41 करोड़ रुपए की बिक्री पर 893.31 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया था और उसका सालाना ईपीएस (प्रति शेयर मुनाफा) 52.82 रुपए था। अब जून तिमाही के नतीजों को मिलाकर उसका ठीक पिछले बारह महीनों (टीटीएम) का ईपीएस 65.06 रुपए हो गया है।

आप देख सकते हैं कि 1450.60 रुपए के मौजूदा भाव पर उसका शेयर अभी 22.29 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है। दो साल पहले सितंबर 2009 के 17.12 के बाद से यह उसके पी/ई का करीब-करीब न्यूनतम स्तर है। फरवरी 2010 में यह 39.78 के पी/ई पर ट्रेड हो चुका है। हालांकि तब इसका बाजार भाव 1210 रुपए ही था। पिछले 52 हफ्ते का इसका उच्चतम स्तर 1855 रुपए है जो इसने 9 दिसंबर 2010 को हासिल किया था और तब इसका पी/ई अनुपात 38.13 था। यही इसके पिछले पांच साल का उच्चतम स्तर भी है।

फिलहाल यह शेयर यहां के कहां तक जा सकता है? एनम सिक्यूरिटीज का आकलन है कि यह साल भर में 1789 रुपए तक जा सकता है। यानी, यहां से इसमें 23.29 फीसदी बढ़त की गुंजाइश है। वैसे, यह बात मेरी समझ से बाहर है जहां किसी चीज का मूल्य बाजार शक्तियां और उनके मूड से तय होता है, वहां हमारे निवेश सलाहकार या ब्रोकर फर्में कैसे इकाई ही नहीं, दशमलव तक का अनुमान उछाल देती हैं। जिंदगी ही नहीं, बाजार में भी कभी कुछ भी इतना फिक्स नहीं होता।

इसलिए हमारा कहना है कि आप 23 फीसदी या 23.29 फीसदी बढ़त की गुंजाइश में न जाकर बस इतना देखिए कि डॉ. रेड्डीज का शेयर अभी अपने न्यूनतम स्तर के करीब है। अपनी समकक्ष कंपनियों में सबसे कम पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है। सनफार्मा का शेयर इस समय 26.66, सिप्ला का 23.88 और रैनबैक्सी लैब् का 34.87 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है। पिछले तीन सालों में डॉ रेड्डीज की बिक्री 14.04 फीसदी और शुद्ध लाभ 30.67 फीसदी की सालाना चक्रवृद्धि दर से बढ़ा है। कंपनी का इक्विटी पर रिटर्न 25.58 फीसदी है। उसने मार्च 2011 तक कुल 2370.50 करोड़ रुपए का उधार ले रखा था। लेकिन उसका ऋण-इक्विटी अनुपात 0.49 के सुरक्षित स्तर पर है। बाकी फंडामेंटल या टेक्निकल आप जरूर देखिए। मेरे लिए तो इतना पर्याप्त है। मुझे यह भी पता है कि मैं इसी नहीं, किसी भी शेयर में निवेश करते वक्त निश्चित जोखिम उठाकर चलता हूं।

डॉ रेड्डीज लैब की कुल इक्विटी 84.74 करोड़ रुपए है। प्रवर्तकों के पास इसका 25.62 फीसदी हिस्सा ही है। दूसरे शब्दों में यह कभी भी अधिग्रहण का शिकार हो सकती है। एफआईआई ने पिछले एक साल में इसमें अपना निवेश 28.48 फीसदी से घटाकर 24.81 फीसदी कर दिया है। घरेलू निवेशक संस्थाओं (डीआईआई) ने भी इस दौरान अपना निवेश 16.18 फीसदी से घटाकर 14.70 कर दिया है। कंपनी के कुल शेयरधारकों की संख्या 73,140 है। इनमें से 68,182 यानी 93.22 फीसदी छोटे निवेशक हैं जिनके पास कंपनी की 7.78 फीसदी इक्विटी है।

प्रवर्तकों से इतर उसके 8 बड़े शेयरधारक हैं जिनके पास कुल 16.22 फीसदी शेयर हैं। इनमें एलआईसी (7.70 फीसदी), एचएसबीसी ग्लोबल (1.11 फीसदी), आबू धाबी इनवेस्टमेंट अथॉरिटी (1.55 फीसदी), आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस (1.14 फीसदी), मॉरगन स्टैनले (1.08 फीसदी), एचडीएफसी ट्रस्टी कंपनी (1.30 फीसदी), पीसीए इंडिया (1.09 फीसदी) और मॉरीशस का एफआईडी फंड्स शामिल है। हां, आखिरी बात। कंपनी बराबर लाभांश देती रही है। 2010-11 के लिए उसने पांच रुपए के शेयर पर पिछले साल के बराबर 11.25 रुपए (225 फीसदी) लाभांश दिया है।

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