सरकार ने चालू वित्त वर्ष के बजट में की गई घोषणा पर अमल की शुरुआत कर दी है। उसने बताया है कि विदेशी निवेशकों को घरेलू म्यूचुअल फंड में 10 अरब डॉलर तक निवेश करने की अनुमति दी जाएगी। हालांकि विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) इसमें शिरकत नहीं कर पाएंगे। इससे शेयर बाजार में होने वाले तीव्र उतार चढ़ाव को हल्का रखने में मदद मिलेगी।
वित्त मंत्रालय में संयुक्त सचिव (पूंजी बाजार) थॉमस मैथ्यू ने कहा कि इस श्रेणी के निवेशकों को विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) नहीं बल्कि क्वालिफाइड विदेशी निवेशक (क्यूएफआई) कहा जाता है। ये निवेशक घरेलू म्युचुअल फंड में यूसीआर (यूनिट कन्फर्मेशनल रसीद) या डिपॉजिटरी रसीद के जरिये निवेश कर पाएंगे।
क्यूएफआई में पेंशन फंड समेत व्यक्ति विशेष और संस्थाएं हो सकती हैं और ये 10 अरब डॉलर यानी 45,000 करोड़ रुपये तक निवेश कर सकती हैं। फिलहाल पूंजी बाजार नियामक सेबी के साथ पंजीकृत एफआईआई, उनके अधीनस्थ खाते और प्रवासी भारतीयों को ही म्युचुअल फंड में निवेश की अनुमति है।
थॉमस मैथ्यू ने कहा कि सेबी इस संबंध में एक अगस्त को जरूरी दिशा-निर्देश जारी करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘इन दोनों माध्यमों के जरिये होने वाले निवेश पर सेबी निगरानी रखेगा।’’