आज दुनिया की जो भी व्यवस्था है, उसमें 70% देश विकसित या अमीर नहीं है। यहां अमीर देश होना नियम नहीं, अपवाद है। भारत अपने पड़ोसी देशों नेपाल, बांग्लादेश, म्यांमार, पाकिस्तान व श्रीलंका के साथ निम्न मध्यम आय के 52 देशों में शुमार है, जबकि ब्राज़ील, चीन, क्यूबा, इंडोनेशिया, ईरान, इराक, लीबिया व दक्षिण अफ्रीका जैसे 54 देश उच्च मध्यम आय वाले हैं। ब्रिक्स देशों में से रूस अमीर देश है। केवल भारत निम्न मध्यम आय का देश है और बाकी सभी उच्च मध्यम आय वाले देश हैं। ऐसे में भारत के लिए विकसित या अमीर देश बनना कितनी बड़ी चुनौती है, इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। अर्थव्यवस्था का केवल आकार ही नहीं बढ़ाना होगा, बल्कि प्रति व्यक्ति आय के औसत को पांच गुना से ज्यादा करना होगा। आप कहेंगे कि जब मोदी सरकार दस साल में तमाम झटकों के बावजूद गौतम अडाणी की सम्पदा को 18 गुना कर सकती है तो 22 साल में देश की प्रति व्यक्ति को पांच गुना करना क्या मुश्किल है? यही तो पेंच है, यही तो विडम्बना है। यही तो वो छल है जिसे भारत के 146 करोड़ अवाम को तार-तार करना होगा। अब शुक्रवार का अभ्यास…
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