साइबर सुरक्षा की चुनौतियों से निपटते वक्त ‘व्यक्ति की गोपनीयता’ और ‘देश के संवेदनशील सुरक्षा सराकारों’ के बीच पर्याप्त संतुलन बनाए रखने की जरूरत है। उभरते बाज़ारों के लिए सूचना और नेटवर्क सुरक्षा पर मंगलवार को फिनलैंड की राजधानी हेलसिंकी में आयोजित शिखर सम्मेलन के शुरुआती सत्र को संबोधित करते हुए केन्द्रीय संचार व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री कपिल सिब्बल ने यह बात कही।
उन्होंने इस बात के लिए चेताया कि साइबर आक्रमण केवल व्यक्ति द्वारा नहीं बल्कि प्रतिस्पर्धी बिजनेस घरानों और विद्रोही देशों द्वारा भी संचालित किया जाता है और फिलहाल यह बहुत खतरनाक हद तक पहुंच चुका है। सिब्बल ने याद दिलाया कि एक अकेला मैलवेयर न केवल बड़े परमाणु संयंत्रों बल्कि वित्तीय संस्थानों के महत्वपूर्ण क्रियाकलापों को भी ठप कर सकता है जो वैश्विक तौर पर एक दूसरे से जुड़े हुए होते हैं।
भारत में दूरसंचार सेवाओं में हुई उल्लेखनीय वृद्धि के बारे में सिब्बल ने कहा कि वर्ष 2000 में 30 लाख मोबाइल कनेक्शन के मुकाबले वर्ष 2011 में 87 करोड़ मोबाइल कनेक्शन हो गए हैं। नागरिकों को सबल बनाने के लिए अगले तीन सालों में 2.5 लाख ग्राम पंचायतों को जोड़ने वाले राष्ट्रीय ऑप्टिकल फाइबर को बिछाने और एनईजीपी (राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना) को लागू करने का प्रस्ताव है। नेटवर्क की इस अभूतपूर्व वृद्धि और नेटवर्क मंचों पर लोगों की निर्भरता की वजह से भारत के लिए सुरक्षा से जुड़े मुद्दों की चिंता बेहद आवश्यक है।