सीवीसी सरकारी खरीद पर रखेगा बराबर नजर

सरकारी परियोजनाओं में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) करोड़ों रुपए की खरीद करने वाले प्रमुख विभागों में बराबर तकनीकी सतर्कता ऑडिट करने पर विचार कर रहा है। सरकारी सूत्रों के अनुसार तकनीकी सतर्कता लेखा परीक्षकों (टीवीए) का एक दल गठित किया गया है, जो केंद्रीय सरकारी विभागों और उनकी खरीद प्रक्रिया का सतत ऑडिट करेगा।

एक सूत्र ने बताया कि प्रमुख मंत्रालयों और विभागों की खरीदा के ऑडिट के लिए तकनीकी सतर्कता लेखा परीक्षकों का एक पैनल गठित किया गया है। इसका मुख्य मकसद भ्रष्टाचार पर अंकुश के लिए ऐहतियातन सावधानी बरतना है। आयोग तकनीकी लेखा परीक्षकों के कामकाज के लिए एक खाके को अंतिम रूप दे रहा है। उन्होंने बताया कि संबंधित मुख्य सतर्कता अधिकारियों और सीवीसी अधिकारियों सहित सभी संबंधित लोगों की की एक बैठक जल्द होने की उम्मीद है। इसमें इस साल तकनीकी सतर्कता ऑडिट के लिए विभागों या सरकारी उपक्रमों की पहचान की जाएगी।

असल में, सीवीसी को सरकारी खरीदारी में कथित अनियमितताओं की कई शिकायतें मिली हैं। साल भर में लगभग सभी विभाग करोड़ों रुपए की खरीदारी करते हैं। इसके अलावा निगरानी संस्था पहले ही खरीदारी सहित भ्रष्टाचार की आशंका वाली प्रमुख प्रक्रियाओं में आईटी प्रणाली का इस्तेमाल करने के दिशानिर्देश विभागों को जारी कर चुकी है।

सरकार पहले ही सभी मंत्रालयों को एक विशेष पोर्टल के जरिए निविदाओं से संबंधित सभी ब्योरे पोस्ट करने के लिए ई-खरीदारी गेटवे का इस्तेमाल करने के निर्देश दे चुकी है। इसके अलावा सरकार ने राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना के तहत एक विशेष परियोजना शुरू की है। इन पहलों का ब्योरा देने के लिए केंद्र सरकार ने एक वेबसाइट भी शुरू की है। सीवीसी कामकाज में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और भ्रष्टाचार पर अंकुश के लिए समयृसमय पर कई सरकारी विभागों के मुख्य सतर्कता अधिकारियों के साथ बैठक करता रहता है।

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