दो दिन नाजुक हैं बाजार के लिए

बाजार में अगले कुछ कारोबारी सत्रों को लेकर हमारी धारणा तेजी की नहीं है। इसलिए हमने कुछ पुरानी कॉल्स को छोड़कर, जिन्हें थोड़ा समय चाहिए, बाकी सारी बकाया कॉल्स रोक दी हैं। कारण, हम बाजार में दोबारा घुसने के लिए माकूल वक्त का इंतजार करना चाहते हैं।

प्रत्यक्ष कर संहिता (डीटीसी) का संशोधित मसौदा बाजार के लिए वाकई बुरा है क्योंकि एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशक) शेयरों के सौदों पर टैक्स देना नहीं पसंद करेंगे। अभी तक एफआईआई को दोहरे कराधान समझौते (डीटीए) के तहत बिजनेस इनकम पर टैक्स नहीं देना पड़ता है। लेकिन कैपिटल गेन्स का मामला अलग है। मुझे लगता है कि भले ही मॉरीशस रूट के जरिए एफआईआई को दिक्कत न हो, लेकिन उन्हें डीटीए में टैक्स से निजात नहीं मिल पाएगी। वैसे, यह महज अंदाजा है और मैं सभी कानूनी नुक्तों के सामने आने का इंतजार कर रहा हूं।

बहरहाल, यह सेटलमेंट 24 जून को खत्म हो रहा है, जो अब महज छह कारोबारी दिन दूर है। इसलिए बाजार के उठने की छत बंध चुकी है। मुझे मालूम था कि कुछ खबरें आनेवाली हैं और फिर सेटलमेंट का भी मसला था। इसलिए मैं हल्के रहने की सिफारिश करता रहा। अगर अमेरिकी बाजार ने नहीं बचाया होता तो आज हमारे यहां कोहराम मचा होता।

संकट अभी खत्म नहीं हुआ है क्योंकि मुझे लगता है कि कर संग्रह बढ़ने से उत्साहित होकर रिजर्व बैंक जल्दी ही ब्याज दरें बढ़ा सकता है। इसलिए अगले दो दिन बाजार के लिए काफी नाजुक हैं। तकनीकी रूप से बाजार के लिए निफ्टी में 5220 का स्तर काफी संवेदनशील मसला था। बाजार इससे जरा-सा ऊपर बंद हुआ है जिससे ट्रेडरों को राहत मिली है। लेकिन यह राहत कब तक चलेगी, भगवान जाने!

शिवालिक बाईमेटल के प्रबंधन ने अधिग्रहण की चर्चाओं का खंडन किया है और उन्होंने एकदम सही किया है। मैं भी उनकी जगह शिवालिक का प्रवर्तक होता तो इनसाइडर ट्रेडिंग के नियमों के कारण यही करता।

मेरी तो सलाह यही है कि इस दौर का इस्तेमाल आप ऐसे स्टॉक्स को बटोरकर अपने पोर्टफोलियो को मजबूत बनाने में करें जो सचमुच बहुत संभावना रखते हैं। इसके लिए सतर्कता व सावधानी की जरूरत है। यकीन मानिए, बाजार 6000 के ऊपर जानेवाला है। अभी जो कमजोरी दिख रही है, उसकी वजह पूरी तरह रोलओवर ही है।

वे हमेशा कहते हैं कि समय चीजों को बदल देता है। आपका काम यह है कि आप ऐसा कहनेवालों की ही बोलती बंद करा दें।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)

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