शेयर बाज़ार की ट्रेडिंग इस मायने में बेहद खतरनाक खेल है क्योंकि यहां नोट से नोट बनाए जाते हैं। हर्र लगे न फिटकरी, रंग भी चोखा आए। शेयरों में निवेश से धन-दौलत तभी बनती है, जब कंपनी अच्छा धंधा करती है। वहां कंपनी प्रबंधन के कौशल व मेहनत से मूल्य का सृजन होता है और उसका एक अंश शेयरधारक होने के नाते हमें मिलता है। लेकिन ट्रेडिंग तो ज़ीरोसम गेम है। एक का नुकसान, दूसरे का फायदा। कोई भी जान-बूझकर अपना नुकसान नहीं होने देता। हर कोई आखिरी दम तक कमाने में लगा रहता है। इसमें जुए की तरह किस्मत का खेल नहीं चलता। ट्रेडर अपनी भावना व बुद्धि के दम पर कमाता है। लेकिन यहां कुछ ऐसे भी हैं जो मगरमच्छ की तरह घात लगाकर शिकार करते हैं। आपको याद होगा कि 3 जुलाई 2023 से सिंगापुर निफ्टी फ्यूचर्स को भारत शिफ्ट करके गिफ्ट निफ्टी बना दिया गया। पहले भारत के ट्रेडर बाज़ार खुलने से डेढ़-दो घंटे पहले सिंगापुर निफ्टी की चाल देखकर भांप लेते थे कि बाज़ार कहां जाएगा और उनका अनुमान 90% सही होता था। लेकिन अब गिफ्टी निफ्टी का संकेत 95% से ज्यादा गलत होता है। इसलिए आंख मूदकर इसके चक्कर में न फंसें। धोखा हो सकता है। अब शुक्रवार का अभ्यास…
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'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं।
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